Move to Jagran APP

Black Hole: ब्रह्मांड का राज फाश करेगा एक नवजात ब्लैकहोल, गुरुत्वीय तरंगों का चला पता

Black Hole ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक हिस्सा है जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि प्रकाश की किरणें भी वहां से बाहर नहीं निकल पातीं इसीलिए इसे ब्लैक होल कहा जाता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 10:54 AM (IST)
Black Hole: ब्रह्मांड का राज फाश करेगा एक नवजात ब्लैकहोल, गुरुत्वीय तरंगों का चला पता
Black Hole: ब्रह्मांड का राज फाश करेगा एक नवजात ब्लैकहोल, गुरुत्वीय तरंगों का चला पता

बोस्टन, प्रेट्र। Black Hole: वैज्ञानिकों ने पहली बार एक नवजात ब्लैकहोल में गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाने में कामयाबी हासिल की है। साथ ही वैज्ञानिकों का दावा है कि इन तरंगों के घूमने के पैटर्न के आधार पर ब्लैक होल के द्रव्यमान और उसके घूमने की गति का अनुमान लगाया जा सकता है। इससे आइंस्टीन की जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी यानी सामान्य सापेक्षता सिद्धांत के साक्ष्यों को और बल मिलता है। सामान्य सापेक्षता सिद्धांत कहता है कि ब्रह्मांड में किसी भी वस्तु की तरफ जो गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव देखा जाता है उसका वास्तविक कारण यह है कि हर वस्तु अपने मान और आकार के अनुसार अपने इर्द-गिर्द एक दिक्-काल (स्पेस-टाइम) में ऐंठन पैदा कर देती है। यह अध्ययन फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित हुआ है।

loksabha election banner

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अध्ययन से इस बात की संभावना और बढ़ गई है कि ब्लैक होल केवल अपने तीन गुणों को प्रदर्शित करता है, जिसमें द्रव्यमान, घूर्णन (स्पिन)और इलेक्ट्रिक चार्ज शामिल हैं। इन तीनों में खास बात यह है कि इनका अवलोकन किया जा सकता है, जबकि अन्य गुणों का अवलोकन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह सभी ब्लैक होल में ही समा जाते हैं।

अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के शोधकर्ताओं की टीम ने गळ्रुत्वाकर्षण के घूर्णन की गणना कर कहा कि ब्लैक होल को भौतिकविद् अल्बर्ट आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत का उपयोग करना चाहिए, जिसका घूमने का पैटर्न दिया गया है। अध्ययन के मुताबिक,शोधकर्ताओं की यह गणना ब्लैक होल के द्रव्यमान और घूर्णन के पहले के माप से मेल खाती है। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक मैक्सिमिलियानो इस्सी ने कहा कि पहले हम केवल सामान्य सापेक्षता के सही होने की उम्मीद करते हैं, लेकिन यह पहली बार है जब हमने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आइंस्टीन के सिद्धांत का सीधे परीक्षण करने वाला यह पहला प्रायोगिक माप था।

पहले भी लगाया था पता
इससे पहले वैज्ञानिकों ने दो स्पायरलिंग ब्लैक होल में गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाया था, जो बाद में टकराने के बाद एक ब्लैक होल में समा गया था। इस दौरान वैज्ञानिकों ने पाया था कि जब दोनों ब्लैक होल एक-दूसरे से मिले तो उस समय गुरुत्वीय तरंगों की गति सबसे ज्यादा तीव्र हो गई थी।

ब्लैक होल क्या है
ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक हिस्सा है जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि प्रकाश की किरणें भी वहां से बाहर नहीं निकल पातीं, इसीलिए इसे ब्लैक होल कहा जाता है और इसे हम सीधी आंखों से नहीं देख सकते हैं। जिस जगह से प्रकाश भी नहीं बाहर आ पाता है उसे इवेंट होराइजन कहा जाता है।

यहां जानें: ब्रम्हांड में सबसे पहले दिखाई दिए Black Hole का हुआ नामकरण, 'Powehi' नाम से जाना जाएगा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.