ईरानी मिसाइलों से निपटने के लिए अमेरिका ने बनाया खुफिया तैयारी, जानें क्या करेगा यूएस
ईरान के मिसाइल और रॉकेट कार्यक्रम से निपटने के लिए अमेरिका ने एक खुफिया प्रोग्राम को पुनर्जीवित किया है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स, वारसा। ईरान के मिसाइल और रॉकेट कार्यक्रम से निपटने के लिए अमेरिका ने एक खुफिया प्रोग्राम को पुनर्जीवित किया है। अमेरिका के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों ने कहा कि ईरान की मिसाइलों और रॉकेटों को विफल करने के लिए ट्रंप प्रशासन ने इस खुफिया प्रोग्राम में तेजी ला दी है। यह कदम ईरान को सैन्य और आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के अभियान के तहत उठाया गया है।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, खुले तौर पर इस खुफिया कार्यक्रम को कभी स्वीकार नहीं किया गया लेकिन पिछले एक महीने में ईरान दो बार उपग्रह लांच करने के प्रयास में महज कुछ मिनट के अंदर नाकाम हो गया। ईरान का एक रॉकेट गत 15 जनवरी और दूसरा गत पांच फरवरी को फेल हो गया था। हालांकि इन नाकामियों से ईरान विचलित नहीं हुआ है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इस हफ्ते यह संकेत दिया था कि उनके वादे के तहत उनके देश का मिसाइल कार्यक्रम आगे बढ़ रहा है जबकि ट्रंप प्रशासन का यह रुख है कि ईरान अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम की आड़ में बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने के प्रयास में जुटा है। गत 15 जनवरी को ईरान का प्रयास विफल होने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि ईरान के सेटलाइट लांचरों में ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है जिसका उपयोग बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए किया जा सकता है।
पोंपियो और अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस इस समय पोलैंड की राजधानी वारसा में हैं। यहां वह पश्चिमी एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 65 देशों के साथ एक बैठक की अगुआई करेंगे। इस बैठक में व्यापक तौर पर उन यूरोपीय सहयोगियों से अपील की जाएगी, जो ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हटने के फैसले का विरोध कर रहे हैं।