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कोरोना के इलाज में काफी कारगर है ये दवा, अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को 50 फीसद करती है कम

कंपनी की ओर से दावा किया गया कि इस ओरल दवा के नतीजे अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल में काफी अच्छे निकले हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी जल्द से जल्द अमेरिका में दवा के लिए आपातकालीन अनुमति लेने की योजना बना रही हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 08:28 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 09:39 PM (IST)
कोरोना के इलाज में काफी कारगर है ये दवा, अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को 50 फीसद करती है कम
कोरोना के इलाज में मोलनुपिरावीर बन सकती है महत्वपूर्ण दवा

वाशिंगटन, आइएएनएस। कोरोना के इलाज में अमेरिका की एक नई दवा काफी कारगर साबित हुई है। मर्क एंड कंपनी की ओरल दवा मोलनुपिरावीर (molnupiravir) गंभीर मरीजों की मौत या उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत 50 फीसदी कम कर सकती है। शुक्रवार को कंपनी की ओर से दावा किया गया कि इस ओरल दवा के नतीजे अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल में काफी अच्छे निकले हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी जल्द से जल्द अमेरिका में दवा के लिए आपातकालीन अनुमति लेने की योजना बना रही हैं।

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775 परीक्षण प्रतिभागियों के आधार पर फेज -3 के अध्ययन के एक अंतरिम विश्लेषण में पाया गया कि मोलनुपिरावीर के साथ इलाज किए गए 7.3 फीसद रोगियों को 29 दिनों के भीतर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्लेसबो प्राप्त करने वाले रोगियों में से 14.1 फीसद अस्पताल में भर्ती हुए या 29 दिन तक उनकी मृत्यु हो गई। उन रोगियों में कोई मृत्यु नहीं हुई, जिन्हें 29 दिनों की अवधि के भीतर मोलनुपिरवीर दिया गया था, जबकि प्लेसबो-उपचारित रोगियों में आठ मौतें हुई थीं।

लक्षणों की शुरुआत या अंतर्निहित जोखिम कारक के समय से दवा की प्रभावकारिता प्रभावित नहीं हुई थी। इसके अलावा उपलब्ध वायरल अनुक्रमण डेटा (लगभग 40 फीसद प्रतिभागियों) के साथ प्रतिभागियों के आधार पर मोलनुपिरावीर ने वायरल वेरिएंट गामा, डेल्टा और म्यू में लगातार प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया।

मर्क के सीईओ और अध्यक्ष रॉबर्ट एम डेविस ने बयान में कहा, 'इसके अच्छे परिणामों के साथ हम आशावादी हैं कि कोरोना महामारी से लड़ने के वैश्विक प्रयास के हिस्से के रूप में मोलनुपिरावीर एक महत्वपूर्ण दवा बन सकती है।'

बता दें कि फेज 3 का परीक्षण अमेरिका, ब्राजील, इटली, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ताइवान और ग्वाटेमाला सहित देशों में 170 से अधिक साइटों पर किया गया है। मोलनुपिरावीर को SARS-CoV-2 के कई प्रीक्लिनिकल मॉडल में भी सक्रिय दिखाया गया है। जिसमें प्रोफिलैक्सिस, उपचार और संचरण की रोकथाम शामिल है। इसलिए माना जा रहा है कि मोलनुपिरावीर कोरोना की पहली ओरल एंटीवायरल दवा हो सकती है।


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