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Covid-19: किशोरों को ज्यादा तनावग्रस्त कर रहा कोरोना, लड़कों की तुलना में लड़कियों पर देखा गया अधिक प्रभाव

इसमें बताया गया है कि किशोरों पर खासकर कि लड़कियों पर कोरोना ने ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डाला है और उनके तनाव को बढ़ाया है। करीब 59 हजार प्रतिभागियों पर किया गया यह अध्ययन द लैंसेट साइकियाट्री में प्रकाशित किया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 10:57 PM (IST)
Covid-19: किशोरों को ज्यादा तनावग्रस्त कर रहा कोरोना, लड़कों की तुलना में लड़कियों पर देखा गया अधिक प्रभाव
किशोरों पर, खासकर कि लड़कियों पर कोरोना ने ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डाला है।

न्यूयार्क, आइएएनएस। दुनिया का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जो कोरोना महामारी से अछूता रहा हो। इसने हर किसी की जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया है। हर आयु वर्ग पर इसने अपना असर डाला है। खासकर किशोरों पर। यह बात एक नवीन अध्ययन में सामने आई है। इसमें बताया गया है कि किशोरों पर, खासकर कि लड़कियों पर कोरोना ने ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डाला है और उनके तनाव को बढ़ाया है। करीब 59 हजार प्रतिभागियों पर किया गया यह अध्ययन द लैंसेट साइकियाट्री में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन में 13 से 18 आयु वर्ग की लड़कों और लड़कियों के मानसिक स्वास्थ्य पर कोरोना के असर में असमानता पाई गई। साथ ही महामारी से पहले के मानसिक स्वास्थ्य से वर्तमान स्थिति की तुलना की गई। तुलना करने पर पता चला कि महामारी ने लड़कियों के मानसिक स्वास्थ्य को अधिक प्रभावित किया है।

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59 हजार प्रतिभागियों पर किए गए अध्ययन में आया सामने

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 59 हजार प्रतिभागियों को शामिल किया। इसमें उनसे जानकारी ली गई कि वे पिछले लंबे समय से क्या किसी मादक पदार्थ का प्रयोग कर रहे थे अथवा नहीं? साथ ही वर्तमान में वे क्या महसूस कर रहे हैं और किसी मादक पदार्थ का प्रयोग कर रहे हैं या नहीं? इस डाटा की तुलना शोधकर्ताओं ने किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर किए गए पूर्व के अध्ययनों से की।यह असर भी देखने को मिलाइस अध्ययन में एक और बात निकलकर सामने आई है।

मादक द्रव्यों के उपभोग में कमी

शोधकर्ताओं के मुताबिक, महामारी के दौरान ही 15 से 18 आयु वर्ग के किशोरों में सिगरेट, ई-सिगरेट और एल्कोहल के प्रयोग में भी कमी देखी गई। अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जान एलेग्रांटे के मुताबिक, किशोरों में महामारी के दौरान मादक द्रव्यों के उपभोग में कमी एक अनापेक्षित लाभ है। इसकी एक मुख्य वजह उनका क्वारंटाइन में रहना है।

पुराने अध्ययनों से की गई तुलना

शोधकर्ताओं के मुताबिक, किशोरों पर कुछ अध्ययन पहले भी किए गए थे, जिनमें पता चला था कि उनमें मादक पदार्थो का प्रयोग और उनका तनाव दोनों बढ़ रहा है। हालांकि, महामारी के दौरान जब नए डाटा से पूर्व के डाटा की तुलना की गई तो पता चला कि उनके मादक पदार्थो के प्रयोग में तो कमी आई है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य भी और गिरा है।


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