अज्ञात रह गए मामलों से चीन में तेजी से फैला कोरोना वायरस, अध्ययन से हुआ खुलासा
साइंस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक वुहान में 23 जनवरी को यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले कोरोना वायरस के सभी मामलों में से 86 प्रतिशत अज्ञात थे।
न्यूयॉर्क, प्रेट्र। एक अध्ययन के मुताबिक अज्ञात रह गए मामलों की वजह से चीन में कोरोना वायरस तेजी से फैला था। इनमें से कई मामलों में कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण दिखाई नहीं दिए थे।
साइंस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, वुहान में 23 जनवरी को यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले कोरोना वायरस के सभी मामलों में से 86 प्रतिशत अज्ञात थे। अमेरिका में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, 'चीन में कोरोना वायरस का तेजी से प्रसार ऐसे लोगों की वजह से हुआ जिनमें हलके, सीमित या कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए थे और उनके मामले अज्ञात रह गए।'
रोकथाम में होगी बड़ी चुनौती
अध्ययन के सहलेखक और कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेलमैन स्कूल में प्रोफेसर जैफरी शामैन ने कहा, 'संक्रामकता और संख्या के आधार पर अज्ञात मामले आबादी के कही बड़े हिस्से को वायरस से संक्रमित कर सकते हैं।' अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित अज्ञात लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। लिहाजा गुपचुप तरीके से होने वाला संक्रमण आगे भी इसी वायरस की रोकथाम में एक बड़ी चुनौती बना रहेगा।
कंप्यूटर मॉडल का किया इस्तेमाल
अध्ययनकर्ताओं ने इसके लिए एक कंप्यूटर मॉडल का इस्तेमाल किया जिसमें चीन में संक्रमण और प्रसार के ज्ञात मामलों और 11 से 23 जनवरी व 24 से आठ फरवरी तक उनकी मोबिलिटी के आंकड़ों का अध्ययन किया गया। शामैन ने कहा कि जबर्दस्त जागरूकता, निजी सुरक्षा उपायों का बढ़-चढ़कर इस्तेमाल और यात्रा प्रतिबंधों ने संक्रमण की तीव्रता को कम करने में मदद की।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि तीव्रता में यह कमी वायरस के प्रसार को पूरी तरह रोकने के लिए पर्याप्त है अथवा नहीं। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोरोना वायरस का प्रसार 2009 के एच1एन1 इंफ्लूएंजा की तर्ज पर हुआ तो यह भी विश्वभर में फैलेगा और मानव आबादी में पांचवा स्थानिक कोरोना वायरस बन जाएगा।