बाइडन राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने पर सबसे पहले अमेरिकियों से करेंगे ये अपील
कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनना इस महामारी पर काबू पाने का बेहद कारगर तरीका है। संक्रमण से अमेरिका में 275000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बाइडन मास्क पहनने के मुखर समर्थक रहे हैं और उन्होंने इसे देशभक्ति जताने का एक तरीका बताया है।
वाशिंगटन, एपी। पूरे विश्व के सामने कोरोना वायरस संक्रमण इस समय सबसे बड़ी समस्या है। हर देश की सरकार इसी जानलेवा वायरस से निपटने के उपाय ढूंढ रही है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शुरुआती एजेंडे में भी कोरोना वायरस संक्रमण ही है। डोनाल्ड ट्रंप ने जहां अमेरिकी चुनाव प्रचार के दौरान मास्क उतार कर फेंक दिया था, वहीं बाइडन कोरोना से लड़ने के लिए मास्क को ही तवज्जो देने जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो कोविड-19 की जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क ही इससे बचने का उपाय है। ऐसे में बाइडन ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद वह सबसे पहले अमेरिकी नागरिकों से 100 दिनों तक मास्क पहनने की अपील करेंगे। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के इस कदम को उल्लेखनीय माना जा रहा है, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मास्क पहनने के उपाय को कभी कारगर नहीं माना।
कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनना इस महामारी पर काबू पाने का बेहद कारगर तरीका है। संक्रमण से अमेरिका में 275000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बाइडन मास्क पहनने के मुखर समर्थक रहे हैं और उन्होंने इसे देशभक्ति जताने का एक तरीका बताया है। चुनाव प्रचार के दौरान भी बाइडन ने इसका बढ़-चढ़ कर समर्थन किया।
सीएनएन के जैक टैपर से बात करते हुए बाइडन ने कहा कि वह अगले साल 20 जनवरी को पद संभालने के समय अमेरिका के लोगों से 100 दिनों तक मास्क पहनने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा, 'कार्यभार संभालने के पहले दिन मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे 100 दिनों तक मास्क पहनें। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुझे लगता है कि इस पर जोर देना जरूरी है।' बाइडन ने कहा कि वह अपने प्रशासन में डॉ. फॉसी को भी पद पर बने रहने के लिए कहेंगे। फॉसी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीजेज के निदेशक हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका के चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। इसके बावजूद उन्होंने न खुद मास्क को गंभीरता से लिया और न दूसरों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया। ये तब है, जब अमेरिका में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले अब तक सामने आ चुके हैं।