वैक्सीन आने के बाद भी हमेशा रह सकता है कोरोना, जानें क्या है अमेरिकी विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण को लेकर हर ओर फैली अनिश्चितता के बीच तय हो गया है कि नोवल कोरोना वायरस भविष्य में भी रहने वाला है।
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक महामारी कोविड-19 की वैक्सीन विकसित और बाजार में लाए जाने के बाद भी कोरोना वायरस सालों तक यहीं रहने वाला है। यह महामारी एचआइवी, चेचक जैसे ही हमेशा रहने वाली है। अमेरिकी दैनिक अखबार के अनुसार वैश्विक महामारी के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लंबे समय तक रहने के आसार हैं। अब यह भी देखना होगा कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण का अगला चरण कैसा रहता है।
नोवल कोरोना वायरस से जनित कोविड-19 बीमारी पांचवी
विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण को लेकर हर ओर फैली अनिश्चितता के बीच तय हो गया है कि नोवल कोरोना वायरस भविष्य में भी रहने वाला है। मौजूदा समय में कोरोना वायरस महामारी के चार प्रकार हैं जिनसे सर्दी-जुकाम होता है। लेकिन नोवल कोरोना वायरस से जनित कोविड-19 बीमारी पांचवी है। कोविड-19 के रहने के बावजूद बहुत से लोग उससे संक्रमित नहीं होंगे बल्कि संक्रमण होने को लेकर सशंकित रहेंगे।
सीमाओं से परे सतत प्रयासों और राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत
शिकागो यूनिवर्सिटी की महामारी एक्सपर्ट और क्रांतिकारी जीव वैज्ञानिक सारा कोबे ने कहा कि यह वायरस यहां रहने वाला है। इसलिए अब सवाल यह है कि हम इसके साथ सुरक्षित कैसे रह सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक महामारियों से निपटने के लिए सीमाओं से परे सतत प्रयासों और राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। ऐसे में दुनिया जब वैश्विक महामारी के विचार से वाकिफ भर हुई है, कुछ अमेरिकी राज्य अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पूरी तरह से खोलने के लिए आमादा हैं।
वैक्सीन को माना जा रहा है महामारी से निजात पाने का दीर्घकालिक समाधान
सेंटर फार डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के पूर्व निदेशक टॉम फ्रीडन ने बताया कि यह ऐसा ही है, जैसे हमें ध्यान न देने की बीमारी हो गई हो। हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह इस महामारी को रोकने में बेहद मामूली कदम भर है। इस बीच अमेरिका अन्य देशों के साथ मिलकर एक वैक्सीन बनाने में जुटा हुआ है। इसे इस महामारी से निजात पाने का दीर्घकालिक समाधान माना जा रहा है।
हालांकि इस स्तर की कामयाबी पाने में दुनिया को सिर्फ एक बार सफलता मिली है। इसके बावजूद दो सदियों में चेचक से करोड़ों लोगों की मौत हो गई। अमेरिकी केंद्र सरकार के वैक्सीन शोध केंद्र के उप निदेशक बार्नी ग्राहम ने कहा कि वैक्सीन बनाने और लगाने की प्रक्रिया में दस साल लग जाएंगे। क्या वैक्सीन 2021 की सर्दियों में या फिर 2022 तक तैयार हो पाएगी, हम इस पर चर्चा करते हैं।