कैंसर से मुकाबला करेगा दो दवाओं का मिश्रण, जानिए- अध्ययन की बड़ी बात
एक नए अध्ययन में स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदेह गट (आंत) बैक्टीरिया का संबंध किशोरों में मोटापे और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के उच्च खतरे से पाया गया है।
वॉशिंगटन, एजेंसी। वैज्ञानिकों को कैंसर से मुकाबले की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने दो दवाओं का एक ऐसा मिश्रण तैयार किया है, जो कैंसर सेल्स (कोशिकाओं) के प्रसार पर अंकुश लगा सकता है।
कैंसर सेल जर्नल में छपे अध्ययन के अनुसार, कैंसर सेल्स खास तरह के जीन म्यूटेशन को प्रेरित करती हैं। हर2 नामक म्यूटेशन से वास्तव में एक नई दवा को लेकर प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। कैंसर में प्रभावी मानी जा रही यह दवा अभी परीक्षण के दौर में है। अमेरिका के साउथवेस्टर्न साइमंस कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं ने बाजार में पहले से मौजूद एक दूसरी दवा भी प्रभावी पाई है। यह दवा प्रतिरोधी क्षमता से मुकाबला करने के साथ ही कैंसर के फैलाव को रोक सकती है। इन्हीं दोनों दवाओं के मिश्रण से कैंसर के साथ ही हर2 जीन म्यूटेशन से मुकाबले के लिए नई दवा बनाने का आधार मिला है। (एएनआइ)
किशोरों में गट बैक्टीरिया का मोटापे के खतरे से संबंध
एक नए अध्ययन में स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदेह गट (आंत) बैक्टीरिया का संबंध किशोरों में मोटापे और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के उच्च खतरे से पाया गया है। इससे इन समस्याओं की प्रारंभिक अवस्था में ही पहचान हो सकती है।
पीसीओएस एक हार्मोन विकार है। इसके चलते लड़कियों के रक्त में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्तर उच्च हो जाता है। नतीजन मुंहासे और ज्यादा बाल बढ़ने के साथ ही माहवारी भी अनियमित हो जाती है। अमेरिका के चिल्ड्रन हॉस्पिटल कोलोराडो की शोधकर्ता मेलानी क्री ग्रीन ने कहा, 'सामान्य बच्चों की तुलना में पीसीओएस और मोटापे से प्रभावित किशोरों में अनहेल्दी बैक्टीरिया ज्यादा पाए गए। टेस्टोस्टेरोन के उच्च स्तर का संबंध इस बैक्टीरिया से पाया गया है।' (प्रेट्र)