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नहीं रहे ध्वनि से भी तेज विमान उड़ाने वाले पायलट चक यीगर, द्वितीय विश्व युद्ध में बनी थी पहचान

महान पायलट के रूप में विख्यात जनरल चक यीगर अमेरिका की वायुसेना में 1941 में आए थे। चक की पहचान द्वितीय विश्व युद्ध में बनी जब उन्होंने पी-51 विमान उड़ाया और उनको 12 विमानों को गिराने का श्रेय मिला था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 07:59 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 07:59 PM (IST)
नहीं रहे ध्वनि से भी तेज विमान उड़ाने वाले पायलट चक यीगर,  द्वितीय विश्व युद्ध में बनी थी पहचान
महान पायलट के रूप में विख्यात जनरल चक यीगर की फाइल फोटो

वाशिंगटन, एजेंसियां। सात दशक पहले पहले ध्वनि के अवरोध को तोड़ने वाले पहले पायलट जनरल चक यीगर का 97 साल की उम्र में निधन हो गया। चक के ध्वनि से भी तेज विमान उड़ाने के बाद ही अंतरिक्ष में जाने का रास्ता खुला था। उनके निधन की जानकारी पत्नी विक्टोरिया ने ट्विटर पर दी।

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महान पायलट के रूप में विख्यात जनरल चक यीगर अमेरिका की वायुसेना में 1941 में आए थे। चक की पहचान द्वितीय विश्व युद्ध में बनी, जब उन्होंने पी-51 विमान उड़ाया और उनको 12 विमानों को गिराने का श्रेय मिला था। इनमें से पांच विमान तो एक ही फ्लाइट में हुई लडाई के दौरान गिराए। उन्होंने 24 साल की उम्र में 14 अक्टूबर, 1947 को अपने बेल एक्स 1 विमान से ध्वनि के अवरोध को तोड़ा।

ये लड़ाकू विमान कैलिफोर्निया के मोजावे रेगिस्तान से 26 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ाया गया। उस समय अविश्वनीय था कि वह ध्वनि के अवरोध को तोड़ने के लिए तेज गति से जाने वाले विमान को नियंत्रित कर सकेंगे, लेकिन यह कारनामा चक ने कर दिखाया। उन्होंने इस विमान को अपनी पत्नी ग्लेनिस का नाम दिया था। ध्वनि के अवरोध को तोड़ते समय के अनुभवों को चक ने 1985 में लिखी अपनी किताब 'आइ वॉज थंडरस्ट्रक' में साझा किया है।


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