चीनी वैज्ञानिक ने फिर किया दावा, वुहान की लैब में ही बना था कोरोना, यह है चीनी सेना की खोज
एक चीनी व्हिसिल ब्लोअर और वायरोलॉजिस्ट ली-मेंग यान ने फिर दावा किया है कि कोविड-19 को चीन की वुहान की लैब में ही बनाया गया था।
न्यूयार्क, आइएएनएस। एक चीनी व्हिसिल ब्लोअर और वायरोलॉजिस्ट ली-मेंग यान ने चीन से फरार होने के बाद एक बार फिर दावा किया है कि कोविड-19 को चीन की वुहान की लैब में ही बनाया गया था। हालांकि इस दावे को चीनी सरकार के साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ठुकरा दिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी संस्था नेशनल पल्स का कहना है कि लैब में परिवर्तित किया गया वायरस चीनी सेना की खोज है। व्हिसिल ब्लोअर और वायरोलॉजिस्ट ली-मेंग यान ने बताया कि जोउशान चमगादड़ के कोरोना वायरस, जेडसी45 और जेडएक्ससी21 पर उनकी रिपोर्ट जल्द सामने आएगी।
कोरोना वायरस को पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैन्य बेस नियंत्रित इमारत में विकसित किया गया है। जुलाई में एक स्पैनिश अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह इस बात के पुख्ता सुबूत जुटा रही हैं कि वुहान की वेट मार्केट से कोरोना वायरस नहीं फैला था। उन्होंने बताया कि वायरस का जिनोम सीक्वेंस एक फिंगर प्रिंट की तरह है।
इसके आधार पर आप चीजों की पहचान कर सकते हैं। मैं लोगों को इस बात के सुबूत दूंगी कि कोरोना वायरस चीन की एक लैब से आया है और उन्होंने इसे क्यों विकसित किया है। ध्यान रहे कि ली-मेंग अप्रैल में ही चीन से फरार हो गई थीं और तब से वह अमेरिका की शरण में हैं।
इससे पहले वायरस विशेषज्ञ ली-मेंग यान ने दावा किया था कि चीनी सरकार ने सर्वोच्च स्तर पर वायरस के बारे में जानकारी छुपाई थी। चीनी सरकार ने हांगकांग के शोधकर्ताओं समेत विदेशी विशेषज्ञों को चीन में शोध करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
ली-मेंग यान ने कहा था कि चीन में महामारी का केंद्र रहे वुहान में वायरस के बारे में बोलने वालों को भी चुप करा दिया गया था। वहां के कई डॉक्टरों ने कहा था कि वे कुछ बोल नहीं सकते हैं लेकिन मास्क पहनने की जरूरत है। ली-मेंग का कहना था कि यदि वह चीन में सच उजागर करती तो उसे लापता कर दिया जाता या उसकी हत्या करा दी गई होती।