तल्ख हो सकते हैं अमेरिका-ड्रैगन के बीच रिश्ते- चीनी जासूस का खुलासा, चरम पर हैं चीन की जासूसी गतिविधियां
हाल ही में यूरोप से प्रत्यर्पित कर अमेरिका लाए गए चीन के एक बड़े जासूस से पूछताछ में यह रहस्योद्घाटन हुआ है। इसी साल नवंबर में अमेरिकी एजेंसियों को एक उच्च स्तरीय चीनी जासूस को यूरोप से अमेरिका लाने में सफलता मिली थी।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में चीनी खुफिया एजेंसियों की गतिविधियां इस समय चरम पर हैं। हाल ही में यूरोप से प्रत्यर्पित कर अमेरिका लाए गए चीन के एक बड़े जासूस से पूछताछ में यह रहस्योद्घाटन हुआ है। इसी साल नवंबर में अमेरिकी एजेंसियों को एक उच्च स्तरीय चीनी जासूस को यूरोप से अमेरिका लाने में सफलता मिली थी।
जासूस का नाम यांजुन शू चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय में कार्यरत
इस जासूस का नाम यांजुन शू है और वह चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय में उप निदेशक के पद पर कार्यरत था। शू मंत्रालय की जिस शाखा में कार्यरत था उसके पास विदेश से गोपनीय जानकारियां एकत्रित करना है। यह जासूस यूरोप में चीन के फायदे वाली गोपनीय सूचनाएं जुटाने का कार्य कर रहा था। इसी दौरान वह यूरोपीय सुरक्षा एजेंसियों के हाथ आ गया। पूछताछ में उससे चीन के विदेशी खुफिया तंत्र के बारे महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं। इसी के बाद अमेरिकी एजेंसियां हरकत में आईं और शू को प्रत्यर्पित कर अमेरिका लाया गया। यह जानकारी अमेरिकी अखबार एचके पोस्ट ने दी है।
अमेरिका में मौजूद खुफिया तंत्र को निर्देशित करने का कार्य भी करता था शू
बीती पांच नवंबर को अमेरिका की फेडरल कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई में बताया गया कि शू चीन का नागरिक है और वह मूल रूप से चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के सिक्स्थ ब्यूरो में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात था। अमेरिका के न्याय विभाग की ओर से असिस्टेंट अटार्नी जनरल मैथ्यू जी ओसेन ने शू पर लगे आरोपों को कोर्ट के समक्ष रखा। बताया कि शू चीन सरकार का अधिकृत खुफिया अधिकारी है। वह व्यापार से संबंधित गुप्त जानकारियों की चोरी करके उन्हें चीन सरकार के पास भेजता था जिनके आधार पर चीन अपने उद्योगों का आधुनिकीकरण और उनमें फेरबदल करता था। शू अमेरिका में मौजूद चीन के खुफिया तंत्र को निर्देशित करने का कार्य भी करता था जिससे उद्योगों से संबंधित उच्च तकनीक की चोरी होती थी और उसे चीन पहुंचाया जाता था।
एफबीआइ ने माना, 1,300 प्रतिशत तक बढ़ी जासूसी
अमेरिका में चीन की खुफियागीरी पर सन 2000 से नजर रख रहे अमेरिकी थिंक टैंक सीएसआइएस के अनुसार चीनी जासूस अमेरिका में कम से कम 160 ठिकानों पर सक्रिय हैं। वे विभिन्न तरीकों से जानकारियों को जुटा रहे हैं और उन्हें चीन पहुंचा रहे हैं। खुफियागीरी कर रहे चीनी नागरिकों में 42 प्रतिशत चीन की सेना और अन्य सरकारी विभागों से जुड़े हुए हैं। एफबीआइ के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने हाल के वर्षो में अमेरिका में आर्थिक जासूसी में 1,300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने की बात स्वीकार की है