प्रयोगशाला से कोरोना फैलने की बात का विरोध कर रहे थे चीनी शोधकर्ता : डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक
कोरोना वायरस की उत्पति का रहस्य एक रहस्य ही बन कर ना रह जाए इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम इस मामले की जांच कर रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व वाली टीम में शामिल चीनी शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला से कोरोना वायरस फैलने के सिद्धांत का विरोध किया।
वाशिंगटन, आइएएनएस। कोरोना वायरस की उत्पति का रहस्य एक रहस्य ही बन कर ना रह जाए इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम इस मामले की जांच कर रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नेतृत्व वाली टीम में शामिल चीनी शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला से कोरोना वायरस फैलने के सिद्धांत का विरोध किया। दल का नेतृत्व करने वाले डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक पीटर बेन एंबारेक ने एक डेनिश डाक्युमेंट्री में यह बात कही है। यह दल कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच कर रहा था।
'द वायरस मिस्ट्री' नामक इस डाक्युमेंट्री में एंबारेक ने कहा कि चीनी शोधकर्ता इस सिद्धांत के खिलाफ थे कि कोरोना महामारी आनुवंशिक रूप से परिष्कृत वायरस से फैली, जो वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी से लीक हुई थी। वाशिंगटन पोस्ट ने एंबारेक के हवाले से बताया कि शुरू में उन्हें प्रयोगशाला के बारे में कुछ पता नहीं था और यह असंभव था। इसलिए इस पर समय बेकार करने की कोई जरूरत नहीं थी। यह पता करने के लिए कि क्या कोरोना की उत्पत्ति प्रयोगशाला में हुई है।
डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की टीम ने इस साल जनवरी में चीन में चार सप्ताह बिताए। मार्च में प्रस्तुत रिपोर्ट में जांच दल का कहना था कि प्रयोगशाला से वायरस लीक होने की दूर तक कोई संभावना नहीं है। एंबारेक के मुताबिक, चीनी शोधकर्ता रिपोर्ट में प्रयोगशाला से वायरस लीक होने की बात शामिल करने को तैयार हो गए थे। लेकिन उनकी शर्त ये थी कि हम इस परिकल्पना पर आगे के लिए किसी अध्ययन की सिफारिश न करें।
बता दें कि डब्ल्यूएचओ की टीम को चीन में पूरी तरह से काम करने की आजादी नहीं दी गई थी और टीम को एक सीमित दायरे में ही काम करने दिया गया था। वक्त गुजरता जा रहा है मगर कोरोना की उत्पति का रहस्य सुलझ नहीं रहा है। दिसंबर 2019 में चीने के वुहान में पहली बार कोरोना का मामला पाया गया था। मगर चीन इस बात से इंकार करता रहा है कि कोरोना की उत्पति चीन से हुई है।