Move to Jagran APP

अमेरिका की जासूसी करवा रहा है चीन, जासूस की गिरफ्तारी से बढ़ सकती है तनातनी

शिकागो में चीन के एक नागरिक को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए के डायरेक्‍टर गिना हस्‍पेल ने चेतावनी दी थी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 02:06 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 04:41 PM (IST)
अमेरिका की जासूसी करवा रहा है चीन, जासूस की गिरफ्तारी से बढ़ सकती है तनातनी
अमेरिका की जासूसी करवा रहा है चीन, जासूस की गिरफ्तारी से बढ़ सकती है तनातनी

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। शिकागो में चीन के एक नागरिक को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए के डायरेक्‍टर गिना हस्‍पेल ने चेतावनी दी थी कि चीन की विदेशों में दखल लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा हाल के कुछ समय में जिस तरह से दोनों देशों के बीच ट्रेडवार को लेकर जंग छिड़ी हुई है उसमें भी यह तनाव बढ़ाने का ही काम करेगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच दक्षिण चीन सागर को लेकर भी विवाद है। जिस चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है उसका नाम जी चोकन है। कहा जा रहा है कि वह चीन की प्रमुख खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था। कहा ये भी जा रहा है कि चीन की खुफिया एजेंसी ने उसको अमेरिका में अपने एजेंट नियुक्‍त करने का टास्‍क दिया था। इनमें से कुछ को डिफेंस कॉन्‍ट्रेक्‍टर के तौर पर काम करवाना था।

loksabha election banner

छात्र है आरोपी
आपको बता दें कि जी शिकागो में इलिनोयस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलिजी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का छात्र है। इसके अलावा जी को यूएस आर्मी रिजर्व का के लिए भी चुना गया था। अमेरिकी विभाग को जी से जिस तरह की जानकारी हासिल हुई है यदि वह साबित हो जाती है तो उसको दस वर्ष की सजा हो सकती है। आपको बता दें कि दो दिन पहले ही चीन ने अमेरिकी युद्धपोत को होंगकोंग के बंदरगाह पर आने की इजाजत नहीं दी थी। चीन द्वारा यह कदम उठाने की वजह अमेरिका और ताइवान के बीच हुए 330 मिलियन डॉलर के हथियार सौदे पर मुहर लगाना थी। इसमें ताइवान के एयरक्राफ्ट के लिए स्‍पेयर पार्ट भी शामिल हैं। इसको लेकर चीन की सरकारी मीडिया की तरफ से कहा गया है कि ऐसा करके अमेरिका ने वन चाइना पॉलिसी का उल्‍लंघन किया है।

चीन-अमेरिका
हालांकि जहां तक जासूसी का मामला है तो वह कोई नया नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के आरोप दोनों ही देश एक दूसरे पर लगाते रहे हैं। इसी वर्ष जून में सीआईए के पूर्व अधिकारी को सीक्रेट डॉक्‍यूमेंट चीन के जासूस को सौंपने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि चीन ने वर्ष 2010 में अपनी विदेश नीति में कुछ बदलाव किया था। इसके अलावा चीन ने अपने यहां पर सीआईए नेटवर्क को चरणबद्ध तरीके से खत्‍म करने की बात कही थी। सरकार की तरफ से यह बात भी सामने आई थी कि पूरे देश में एक दर्जन से अधिक अमेरिकी जासूसों को गिरफ्तार करने की बात कही थी।

चीन-ताइवान
हाल ही में चीन ने अपने यहां पर ताइवान के जासूसों को लेकर हाई अलर्ट जारी किया था। चीन का कहना था कि ताइवान चीन में छात्रों के रूप में जासूसों को भेजकर जासूसी करवा रहा है। इनसे उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। इतना ही नहीं एक रिपोर्ट में यहां तक कहा गया था कि ताइवान चीन में जासूसों का नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि ताइवान के जासूस राजनीतिक शास्‍त्र, अर्थशास्‍त्र और नेशनल डिफेंस प्रोजेक्‍ट से जुड़े छात्रों को अपना टार्गेट बनाते हैं। इसके पीछे उनकी सोच है कि वह एक दिन ऊंचे स्‍थान पर काम करेंगे और जानकारी होने के चलते वहां से खुफिया जानकारी जुटाना आसान होगा।

रूस-ब्रिटेन
जासूसों की यदि बात की जाए तो कोई भी देश ऐसा नहीं है जो इससे अछूता हो। हर देश दूसरे देश में जासूसों को तैनात करता आया है। इसका इतिहास भी काफी पुराना है। लेकिन जासूसी के मामले कई बार काफी तूल पकड़ते दिखाई दिए हैं। इनमें ताजा मामला सर्गी स्क्रिपल का है जिन्‍हें ब्रिटेन में जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। इसके चलते ब्रिटेन और अमेरिका एक तरफ थे तो दूसरी तरफ इस मामले में रूस अलग-थलग पड़ गया था। इस मामले ने इन देशों में तनाव काफी चरम पर पहुंच गया था। ठीक ऐसे ही अमेरिका और चीन के बीच भी ताजा मामला विवाद की नई वजह बन सकता है। वह भी तब जब दोनों देश लगातार कई मुद्दों में उलझते जा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.