सीमावर्ती इलाकों में भारत को निर्माण करने से रोकना चाहता है चीन, भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद ने जताई चिंता
प्रतिनिधि सभा के लिए इलिनोइस से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे कृष्णमूर्ति इंटेलिजेंस पर सदन की शक्तिशाली कमेटी के एकमात्र भारतीय मूल के अमेरिकी सदस्य हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। चीन ने भारत के खिलाफ इसलिए आक्रामक रवैया अपना रखा है ताकि वह नई दल्ली को सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का निर्माण करने से रोक सके। अगर वह ऐसा करने में कामयाब रहता है तो इससे बीजिंग को रणनीतिक लाभ होगा। यह बात भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कही।
बता दें कि मई महीने से ही लद्दाख से लगती भारत-चीन सीमा पर माहौल तनावपूर्ण है। 15 जून को यह तब चरम पर पहुंच गया जब दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। इसमें चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
प्रतिनिधि सभा के लिए इलिनोइस से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे कृष्णमूर्ति इंटेलिजेंस पर सदन की शक्तिशाली कमेटी के एकमात्र भारतीय मूल के अमेरिकी सदस्य हैं। कुछ दिनों पहले इसी कमेटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता पर चर्चा की गई थी।
कृष्णमूर्ति ने कमेटी में हुई चर्चा के बारे में तो कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि यह एक गंभीर स्थिति है और यह सब तब शुरू हुआ जब चीन से लगती अपनी सीमा पर भारत ने निर्माण कार्य शुरू किया। उन्होंने कहा कि चीन एक अच्छे पड़ोसी की तरह काम नहीं कर रहा है। मौजूदा स्थिति का मुकाबला करने के लिए बेहतर होगा कि चीन के पड़ोसी उसके खिलाफ हाथ मिलाएं।
भारत चीन सीमा विवाद को लेकर पहले भी चिंता जता चुके हैं कृष्णमूर्ति
वहीं, कुछ दिन पहले ही भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा था कि वह भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर 'बहुत चिंतित' हैं। उन्होंने कहा था कि मैंने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें चीन से कहा गया कि वह भारत के प्रति सैन्य उकसावे की कार्रवाई बंद करे और कूटनीतिक समाधान पर ध्यान दे। जब तक यह विवाद पूरी तरह हल नहीं हो जाता, इस पर करीब से नजर रखूंगा।' उन्होंने यह बात 'हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमिटि ऑन इंटेलीजेंस' की बैठक के दौरान कही थी। वह इस कमिटि के पहले और एकमात्र भारतीय मूल के अमेरिकी सदस्य हैं। इस मुद्दे पर कमिटि की पहली बार बैठक हुई थी।