China Taiwan Conflicts: क्या चीन बलपूर्वक करेगा ताइवान पर कब्जा, जानें- इस सवाल पर क्या कहते हैं अमेरिकी रक्षा जानकार
चीन भले ही ताइवान को चारों तरफ से घेरकर लाइव फायर ड्रिल को अंजाम दे रहा है लेकिन इसके बाद भी यूएस मानता है कि वो अगले दो वर्षों तक उसको कब्जे में लेने के बारे में नहीं सोचने वाला है।
वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद वहां चीन जो कुछ कर रहा है उससे पूरी दुनिया नाराज है। चीन ताइवान के चारों तरफ 4 अगस्त से ही लाइव फायर ड्रिल कर रहा है। चीन के रणनीतिक जानकारों ने पहले ही साफ कर दिया है कि नैंसी के दौरे के बाद चीन ताइवान पर कब्जे की कोशिशें तेज कर देगा। चीन भले ही नैंसी के दौरे को उसके आक्रामक होने की वजह बता रहा है, लेकिन चीन की अमेरिका को लेकर आक्रामकता इस बहाने सभी के सामने आ चुकी है।
अमेरिका साफ कर चुका है कि वो ताइवान का साथ हमेशा देता रहेगा। अमेरिका के डिफेंस फार पालिसी में अवर सचिव कोलिन क्हाल से एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब ये पूछा गया कि क्या चीन बलपूर्वक ताइवान पर कब्जा कर लेगा, तो क्हाल ने कहा कि अगले दो वर्षों तक वो ऐसी कोई गलती नहीं करेगा। अमेरिका ने ये भी कहा कि इस बारे में वो काफी हद तक आशान्वित है कि वो इस तरह की कोई कोशिश अगले दो वर्षों तक नहीं करने वाला है। उन्होंने ये भी कहा कि पेंटागन के ताइवान और चीन के लेकर विचार और रणनीति में कोई अंतर नहीं आया है। अमेरिका ताइवान का साथ नहीं छोड़ेगा।
क्हाल ने कहा कि अमेरिका ताइवान स्ट्रेट समेत उन सभी इलाकों में जहां पर अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत उसे जाने की छूट है अपने विमान और युद्धपोतों को भी बेरोक-टोक भेजता रहेगा। एक सवाल के जवाब में क्हाल ने कहा कि लाइव फायर ड्रिल कर चीन ताइवान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसकी ये कोशिश बेकार साबित होगी।
चीन के पूर्वी थियेटर कमांड का कहना है कि नैंसी के दौरे के बाद से ही चीन ताइवान के चारों तरफ लाइव फायर ड्रिल कर रहा है। इसके तहत उसने बैलेस्टिक मिसाइल भी लान्च की हैं। साथ ही उसने एंटी सबमरीन और कई असाल्ट आपरेशन भी शुरू किए हैं।बता दें कि नैंसी ने भी अपने ताइवान दौरे पर साफ कहा था कि अमेरिका अपने बयान पर कायम रहेगा। वो ताइवान के साथ था, है और रहेगा। ताइवान के विदेश मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ताइवान चीन से डरता नहीं है। वो सभी देशों के नेताओं का अपने यहां पर स्वागत करता है।