कोरोना महामारी के मुद्दे पर यूएन में भिड़े चीन, रूस और अमेरिका, ड्रैगन बोला- एकतरफा प्रतिबंधों का हो विरोध
कोरोना महामारी के मसले पर गुरुवार को चीन रूस और अमेरिका संयुक्त राष्ट्र में भिड़ गए। चीन ने कहा कि एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करने की जरूरत है। रूस ने कहा कि महामारी से मतभेद गहरे हुए हैं। वहीं अमेरिका ने कहा कि हम वही करेंगे जो सही है।
संयुक्त राष्ट्र, एपी। दुनिया में कोरोना महामारी की जिम्मेदारी के मसले पर गुरुवार को चीन, रूस और अमेरिका संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भिड़ गए। जबकि दो दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने अभी भी अनियंत्रित कोरोना वायरस से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अभाव पर चिंता व्यक्त की थी।
चीन ने अमेरिका पर साधा निशाना
'कोविड-19 के बाद वैश्विक प्रशासन' पर वर्चुअल बैठक की समाप्ति पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सबसे पहले बोलते हुए कहा, 'ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मानवजाति के भविष्य को प्राथमिकता देने की जिम्मेदारी बड़े देशों पर ज्यादा है, शीत युद्ध की मानसिकता और वैचारिक पूर्वाग्रह को छोडि़ए और कठिनाइयों से उबरने के लिए साझीदारी की भावना से साथ आइए।' रूस, सीरिया और अन्य देशों पर एक तरफा प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय यूनियन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कानून की प्रभुता और पवित्रता की रक्षा करने के लिए एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करने की जरूरत है।'
महामारी ने मतभेदों को गहरा किया
रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरॉव ने कहा कि महामारी और इसके साझा दुर्भाग्य ने अंतरदेशीय मतभेदों को खत्म नहीं किया बल्कि और गहरा कर दिया है। सभी देश उनके लिए विदेश की ओर देख रहे हैं जो खुद अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। कुछ देश वर्तमान स्थिति का इस्तेमाल अवांछित सरकारों या भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धियों से बदला लेने के लिए अपने संकीर्ण हितों को आगे बढ़ाने की कोशिश में कर रहे हैं।
यह लोकप्रियता की प्रतियोगिता नहीं
दोनों देशों के बयानों से आक्रोशित संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा, 'आप में से प्रत्येक पर शर्म आती है। मैं आज की चर्चा से हैरान और निराश हूं।' उन्होंने कहा कि अन्य प्रतिनिधि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस अवसर को गवां रहे थे। क्राफ्ट ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप बिल्कुल साफ कर चुके हैं कि हम वही करेंगे जो सही है भले ही वह अलोकप्रिय हो क्योंकि यह लोकप्रियता की प्रतियोगिता नहीं है।'
यूएनएससी विस्तार के लिए एकमुश्त समाधान की जरूरत : चीन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत के प्रवेश में रोड़े अटकाते रहे चीन ने गुरुवार को कहा कि विश्व निकाय के शीर्ष अंग का विस्तार करने के लिए सुधारों पर गहरे मतभेद हैं। उसने एक ऐसे एकमुश्त समाधान (पैकेज सोल्यूशन) के लिए काम करने की इच्छा भी जताई जो सभी पक्षों की चिंताओं और हितों को समाहित कर सके। दरअसल, बुधवार को भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील के जी-4 समूह ने यूएनएससी में सुधारों में देरी पर चिंता व्यक्त की थी। चीन का यह बयान इसी संदर्भ में आया है।