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USA President Election: टिकटॉक के जरिए चीन कर सकता है अमेरिकी चुनाव को प्रभावित, अमेरिकी सांसदों ने जताई चिंता

USA President Election अमेरिकी सांसदों ने कहा कि टिकटॉक के जरिये चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) हमारे चुनावों में दखल देने समेत अपने अभियानों को अंजाम देने में सक्षम हो सकती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 05:28 PM (IST)
USA President Election: टिकटॉक के जरिए चीन कर सकता है अमेरिकी चुनाव को प्रभावित, अमेरिकी सांसदों ने जताई चिंता
USA President Election: टिकटॉक के जरिए चीन कर सकता है अमेरिकी चुनाव को प्रभावित, अमेरिकी सांसदों ने जताई चिंता

वाशिंगटन, प्रेट्र। USA President Election: अमेरिका में आगामी तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में 100 से भी कम दिन बचे हैं। ऐसे में कई शीर्ष रिपब्लिकन सांसदों ने चुनाव में चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉप की भूमिका को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने यह आशंका व्यक्त की है कि चीन इस एप के इस्तेमाल से चुनाव को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी चेतावनी जारी की थी कि चुनाव में चीन, रूस और ईरान दखल दे सकते हैं।

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सात सांसदों के एक समूह ने अपनी इसी चिंता को लेकर नेशनल इंटेलीजेंस निदेशक जॉन रैटक्लिफे, फेडरल ब्यूरा ऑफ इंवेस्टीगेशन (FBI) निदेशक क्रिस्टोफर रेय और गृह सुरक्षा मामलों के कार्यकारी मंत्री चाड वोल्फ को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी चुनावों की सुरक्षा और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सही दिशा में कदम उठाए हैं।

अपनी चिंताओं को लेकर सांसदों ने लिखा पत्र

अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों थॉमस टिलिस, टॉम कॉटन, केविन क्रेमर, टेड क्रूज, जोनी अं‌र्स्ट, मार्को रूबिओ और रिक स्कॉट ने बुधवार को कहा, 'हमने चीनी सोशल मीडिया सर्विस टिकटॉक के बारे में अपनी चिंताओं को लेकर पत्र लिखा है। इसके जरिये चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) हमारे चुनावों में दखल देने समेत अपने अभियानों को अंजाम देने में सक्षम हो सकती है।' वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक अमेरिका में खासतौर पर युवाओं में काफी लोकप्रिय है।

मालूम हो कि चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉक संदिग्ध के घेरे में है। भारत में आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए इस एप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसके बाद चीन बौखलाया हुआ है। वहीं, अब अमेरिका में भी इस एप को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। 

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