भारत समेत 6 देशों की आपत्ति के बाद संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र के मसौदे में बदलाव
घोषणापत्र के मसौदे में एक वाक्यांश को भारत अमेरिका और ब्रिटेन समेत छह देशों की आपत्ति के बाद बदल दिया है।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद-बंदे ने घोषणापत्र के मसौदे में एक वाक्यांश को भारत, अमेरिका और ब्रिटेन समेत छह देशों की आपत्ति के बाद बदल दिया है। इन देशों ने ऐसे वाक्यांश को लेकर आपत्ति जताई, जिसके बारे में समझा जाता है कि उसका इस्तेमाल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किया जाता है। मुहम्मद-बंदे ने मौन प्रक्रिया के तहत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों को घोषणापत्र का मसौदा वितरित किया। इसके तहत यदि कोई सदस्य देश निर्दिष्ट समय के भीतर मसौदे पर कोई आपत्ति नहीं उठाता है, तो इसे स्वीकार कर लिया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र में यूके की गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ-यूके के अनुसार, ब्रिटेन के कार्यवाहक राजदूत जोनाथन एलन ने 24 जून को मौन प्रक्रिया को तोड़ दिया। उन्होंने यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा और भारत की ओर से यह कदम उठाया।संस्था ने कहा कि छह देशों ने घोषणा के अंत में एक वाक्यांश पर आपत्ति जताई, जिसमें लिखा था, 'एक साझा भविष्य की खातिर हमारी साझा दृष्टि का एहसास करने के लिए'। देश चाहते थे कि इस वाक्यांश को 'संयुक्त राष्ट्र चार्टर की प्रस्तावना में परिकल्पित बेहतर भविष्य की खातिर हमारी साझा दृष्टि को साकार करने के लिए' के साथ बदला जाए।
संयुक्त राष्ट्र वेबिनार में केरल की स्वास्थ्य मंत्री हुईं शामिल
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा (K K Shailaja) को संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड पब्लिक सर्विस डे पर पैनल चर्चा में हिस्सा लेने का अवसर मिला जिसमें उन्होंने कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार किए गए केरल मॉडल को पेश किया। यह मौका मिलना केरल के लिए काफी गर्व की बात है। भारत की ओर से एकमात्र शैलजा को ही यह अवसर प्राप्त हुआ। इस पैनल की चर्चा का टाइटल 'ऑन द फ्रंटलाइन: पब्लिक सर्वेंट व कोविड-19 महामारी (On the Frontline: Public Servants and the COVID-19 pandemic)' है।