टिकटॉक के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा, छात्रा ने लगाया गंभीर आरोप
टिकटॉक पर आरोप लगाया है कि फोन में मौजूद उसके निजी डाटा को वीडियो एप ने बिना इजाजत चुराकर उसे अपने सर्वर पर भेजने का काम किया है।
सैन फ्रांसिस्को, एएफपी। अमेरिका की एक छात्रा ने चर्चित वीडियो एप टिकटॉक पर गुपचुप तरीके से अपने यूजर्स का डाटा चीन भेजने के लिए मुकदमा दायर किया है। कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में दाखिल इस मुकदमे में यूनिवर्सिटी छात्रा मिस्टी हांग ने टिकटॉक पर आरोप लगाया है कि फोन में मौजूद उसके निजी डाटा को वीडियो एप ने बिना इजाजत चुराकर उसे अपने सर्वर पर भेजने का काम किया है। टिकटॉक से जुड़े ये सर्वर चीन के बनाए नियम और कानून से संचालित होते हैं।
चीन की कंपनी बाइटीडांस द्वारा 2017 में लांच टिकटॉक एप पर अपने यूजर्स का डाटा चुराने का यह पहला आरोप नहीं है। एप के खिलाफ बढ़ती शिकायतों को देखते हुए अमेरिकी सरकार गत सितंबर में इसकी जांच शुरू कर चुकी है। 11 करोड़ अमेरिकी यूजर्स के साथ टिकटॉक भारत समेत अनेक देशों में अपने मनोरंजक वीडियो फीचर्स की बदौलत धूम मचा रहा है।
बता दें कि भारत में टिक टॉक पर एक बार बैन लग चुका है। बाद में मामला कोर्ट जाने पर मद्रास हाई कोर्ट( मदुरै बेंच) ने चीनी वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक पर लगाया गया बैन हटा दिया । टिक टॉक पर पॉर्नोग्राफिक कंटेंट के कारण बैन लगा दिया गया था। जिसके चलते नए यूजर्स इस एप को डाउनलोड नहीं कर सकते थे। हालांकि जिन लोगों ने इस एप को पहले से ही डाउनलोड कर रखा है वह इसका इस्तेमाल कर सकते थे।
आपको बता दें कि एनैलिटिक फर्म सेंसर टॉवर की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस एप का इस्तेमाल 30 करोड़ यूजर्स करते हैं। जबकि दुनियाभर में इसके यूजर्स की संख्या 100 करोड़ है। भारत अधिकतर यूजर्स वीडियो बनाकर टिक टॉक पर शेयर करते हैं। टिकटॉक मामले पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि 24 अप्रैल 2019 को मद्रास हाई कोर्ट ने इस पर पुनर्विचार नहीं किया तो इस पर लगी बैन हटा दी जाएगी।