Move to Jagran APP

सदी के अंत तक 15 इंच बढ़ जाएगा समुद्र का स्तर, जानें क्‍यों तेजी से हो रहा है उत्‍सर्जन

बफेलो यूनिवर्सिटी से सोफी नोविकी ने कहा कि भविष्य में समुद्र तल कितना उठेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बर्फ की चादरें इसमें कितना योगदान देती हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 09:01 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 09:57 AM (IST)
सदी के अंत तक 15 इंच बढ़ जाएगा समुद्र का स्तर, जानें क्‍यों तेजी से हो रहा है उत्‍सर्जन
सदी के अंत तक 15 इंच बढ़ जाएगा समुद्र का स्तर, जानें क्‍यों तेजी से हो रहा है उत्‍सर्जन

 वाशिंगटन, प्रेट्र। ग्रीन हाउस के उत्सर्जन की भयावहता को रेखांकित करने वाले एक अध्ययन में विज्ञानियों ने दावा किया है कि यदि उत्सर्जन जारी रहा तो ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की पिघलती बर्फ की चादरें वर्ष 2100 तक समुद्र के स्तर में 38 सेंटीमीटर (लगभग 15 इंच) से अधिक की बढ़ोतरी कर सकती हैं। नासा के नेतृत्व वाले एक अध्ययन में यह बात कही गई है।

loksabha election banner

 नासा ने कहा कि अध्ययन के निष्कर्ष जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति (आइपीसीसी) 2019 की समुद्र और क्रायोस्फेयर (पृथ्वी की सतह जहां जल ठोस रूप में है) पर विशेष रिपोर्ट के अनुरूप है। इसमें कहा गया है कि बर्फ की चादरों से निकलने वाला पानी वैश्विक समुद्री जल स्तर की वृद्धि में एक तिहाई योगदान देता है।

रिपोर्ट का अनुमान है कि ग्रीनलैंड 2000-2100 के बीच समुद्र के जल स्तर की वृद्धि में आठ से 27 सेंटीमीटर का योगदान देगा और अंटार्कटिका तीन से 28 सेंटीमीटर तक योगदान दे सकता है। द क्रायोस्फेयर पत्रिका में प्रकाशित ये निष्कर्ष नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के नेतृत्व में आइस शीट मॉडल इंटरकंपेरिजन प्रोजेक्ट (आइएसएमआइपी6) के शोध में सामने आए हैं।

इस परियोजना प्रमुख और अमेरिका की बफेलो यूनिवर्सिटी से सोफी नोविकी ने कहा कि भविष्य में समुद्र तल कितना उठेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बर्फ की चादरें इसमें कितना योगदान देती हैं। बर्फ की चादरें कितनी पिघलती हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जलवायु में किस तरह का बदलाव आता है।

नीदरलैंड की उट्रेच यूनिवर्सिटी से जुड़े ग्रीनलैंड की बर्फ की चादरों के अध्ययन के नेतृत्वकर्ता हेइको गोइल्जर ने कहा कि हवा और समुद्र का तापमान बढ़ने ग्रीनलैंड की बर्फ समुद्र केस्तर में काफी वृद्धि कर सकती है।

आइएसएमआइपी6 टीम ने पाया कि ग्रीनलैंड की बर्फ यदि अनुमान के मुताबिक पिघलती है तो इससे 2100 तक वैश्विक समुद्र स्तर में करीब 3.5 इंच (नौ सेंमी) की वृद्धि हो सकती है। वहीं, कम उत्सर्जन होने की स्थिति में यह वृद्धि करीब 1.3 इंच (तीन सेंमी) रह सकती है।

अध्ययन में शामिल विज्ञानियों ने कहा कि ये निष्कर्ष औद्योगिकीकरण पूर्व और वर्तमान समय के बीच तापमान बढ़ने से बर्फ पिघलने की पूर्व अनुमानित सीमा के अलग हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व के अध्ययनों में यह अनुमान लगाया गया है कि ग्रीनलैंड में बर्फ पिघलने से 2100 तक वैश्विक समुद्र स्तर में करीब छह मिमी की वृद्धि हो सकती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अंटार्कटिक बर्फ की चादर से बर्फ पिघलने का अनुमान लगाना आसान नहीं है क्योंकि गर्म महासागरीय धाराएं बड़ी तैरती बर्फ की शिलाओं के तलों को नष्ट कर देती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.