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ब्लिंकन बोले- भारत से रिश्ते प्रगाढ़ करने में फ्रांस व अमेरिका की रुचि बढ़ी, पनडुब्बी करार पर दिया ये रिएक्शन

मोदी और मैक्रों ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने में भारत-फ्रांस की साझेदारी की अहम भूमिका पर जोर दिया था।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 05:44 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 05:44 PM (IST)
ब्लिंकन बोले- भारत से रिश्ते प्रगाढ़ करने में फ्रांस व अमेरिका की रुचि बढ़ी, पनडुब्बी करार पर दिया ये रिएक्शन
ब्लिंकन बोले- भारत से रिश्ते प्रगाढ़ करने में फ्रांस व अमेरिका की रुचि बढ़ी, पनडुब्बी करार पर दिया ये रिएक्शन

न्यूयार्क, प्रेट्र। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने में अमेरिका और फ्रांस की रुचि काफी हद तक बढ़ी है। उनका यह बयान ऐसे समय आया, जब प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं।

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अमेरिकी विदेश मंत्री ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल पर यह जवाब दिया। उनसे यह पूछा गया कि क्या उनका देश भारत और फ्रांस के बीच संभावित परमाणु पनडुब्बी करार का स्वागत करेगा। उनसे प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच इसी सप्ताह फोन पर हुई बातचीत के बारे में भी पूछा गया। ब्लिंकन ने कहा, 'मंै भविष्य के बारे में किसी खास काल्पनिक बात में नहीं जा रहा हूं, लेकिन मैं यह कहता हूं कि भारत के साथ फ्रांस और अमेरिका दोनों अपने-अपने रिश्ते प्रगाढ़ करने में बहुत ज्यादा रुचि रखते हैं।'

मोदी और मैक्रों ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने में भारत-फ्रांस की साझेदारी की अहम भूमिका पर जोर दिया था। इस वार्ता से कुछ दिन पहले हिंद-प्रशांत को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने त्रिपक्षीय गठबंधन की घोषणा की थी। इसके साथ ही आस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ हुए पनडुब्बी समझौते को रद कर अमेरिका से सौदा कर लिया था। फ्रांस इससे बेहद खफा हो गया था।

इससे पहले ब्लिंकन ने तालिबान को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि तालिबान वैधता चाहता है, वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से समर्थन चाहता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जो तालिबान के संबंध होंगे वे समूह की कार्रवाइयों से परिभाषित किए जाएंगे। हम यही देखते हुए आगे बढ़ रहे हैं।


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