पाकिस्तान का गैर नाटो सहयोगी का दर्जा हो खत्म, अमेरिका में विधेयक पेश
प्रमुख गैर नाटो सहयोगी के तौर पर पाकिस्तान का दर्जा खत्म करने को लेकर अमेरिका की संसद में विधेयक पेश किया गया है। पाकिस्तान को 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी देश के तौर पर नामित किया गया था।
वाशिंगटन, प्रेट्र। आतंकियों को खुला प्रश्रय देना और चीन का पिछलग्गू बनना पाकिस्तान को भारी पड़ सकता है। अमेरिका उससे गैर नाटो सहयोगी देश का दर्जा छीनने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका की संसद के 117वें सत्र के पहले दिन सांसद ने यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (US House of Representatives) में एक विधेयक पेश किया जिसमें पाकिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी देश का दर्जा खत्म करने का प्रस्ताव है। रिपब्लिकन सांसद एंडी बिग्स ने जो विधेयक पेश किया है उसमें पाकिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी देश का दर्जा समाप्त करने की बात की गई है। इस दर्जे के कारण पाकिस्तान को अमेरिका की अधिक रक्षा आपूर्तियों तक पहुंच और सहयोगात्मक रक्षा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में भागीदारी जैसे विभिन्न लाभ मिलते हैं।
विधेयक में यह भी कहा गया है कि अमेरिका का राष्ट्रपति पाकिस्तान को प्रमुख नाटो सहयोगी का तब तक दर्जा नहीं दे सकता, जब तक राष्ट्रपति कार्यालय यह प्रमाणित नहीं करता कि पाकिस्तान अपने देश में हक्कानी नेटवर्क के पनाहगाह और उनकी गतिविधियों को बाधित करने वाले सैन्य अभियान चला रहा है। विधेयक में राष्ट्रपति से इस बात को प्रमाणित करने की भी बात है कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों के खिलाफ अभियोग चलाने और उन्हें गिरफ्तार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
पाकिस्तान को 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी देश के तौर पर नामित किया गया था। इस समय 17 देश अमेरिका के प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी हैं। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 में पाकिस्तान को मिलने वाली सभी वित्तीय एवं सुरक्षा सहायता रोक दी थीं और उनके प्रशासन ने पाकिस्तान का प्रमुख गैर नाटो सहयोगी देश का दर्जा समाप्त करने पर विचार भी किया था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका ने भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार देश नामित किया था।