मोटापा के कारण का पता लगाने में मिली बड़ी सफलता, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने खोजे 14 जीन
अमेरिका की वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के कालेज आफ आर्ट्स एंड साइंसेज की शोधकर्ता एलिन ओरूर्क ने कहा हम जानते हैं कि मोटापा और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में विभिन्न प्रकार के सैकड़ों जीन के उभरने की संभावना रहती है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी शोधकर्ताओं को मोटापा के कारण का पता लगाने में बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने ऐसे 14 जीन की खोज की है, जो मोटापा का कारण बन सकते हैं। उन्होंने वजन बढ़ने से रोकने वाले तीन जीन की भी पहचान की है। ये जीन हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार भी माने जाते हैं।
पीएलओएस जेनेटिक्स पत्रिका में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन से मोटापा, खानपान और डीएनए के बीच जटिल जुड़ाव पर नई रोशनी डालने में मदद मिलती है। शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने के लिए अध्ययन किया कि मोटापा को बढ़ावा देने या इसकी रोकथाम करने में किस जीन की भूमिका होती है।
मोटापा बढ़ने में सुस्त जीवनशैली की होती है अहम भूमिका
शोधकर्ताओं के अनुसार, शुगर के साथ उच्च कैलोरी वाले आहार के चलते मोटापा वैश्विक महामारी का रूप लेता जा रहा है। मोटापा बढ़ने में सुस्त जीवनशैली की अहम भूमिका होती है। फैट (वसा) संग्रह के नियंत्रण के साथ ही हमारे शरीर द्वारा ऊर्जा के तौर पर भोजन की खपत में भी जीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
अमेरिका की वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के कालेज आफ आर्ट्स एंड साइंसेज की शोधकर्ता एलिन ओरूर्क ने कहा, 'हम जानते हैं कि मोटापा और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में विभिन्न प्रकार के सैकड़ों जीन के उभरने की संभावना रहती है।' शोधकर्ताओं ने इस लक्ष्य के साथ मोटापा पीड़ितों से जुड़े 293 जीन पर गौर किया कि इनमें से कौन जीन इस समस्या का कारण बनता है या रोकथाम करता है।
बता दें कि खराब दिनचर्या, गलत खानपान और तनाव के चलते मोटापा और मधुमेह बड़ी तेजी से अपने पैर पसार रही है। एक रिपोर्ट की मानें तो हर चौथा व्यक्ति मोटापे से परेशान है। खासकर कोरोना महामारी के दौर में मोटापा और मधुमेह के मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है।
यह भी पढ़ें: बिशप जोसेफ बोले, भारत को तबाह कर देगी छद्म धर्मनिरपेक्षता, आखिर किस समुदाय को मिल रहा इसका लाभ