जो बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से की फोन पर बात, रूस को 'निर्णायक जवाबी हमले' की दी चेतावनी
बाइडन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को रूस द्वारा आक्रमण करने पर उसका साथ देने का भरोसा दिलाया। बाइडन ने इस दौरान रूस के यूक्रेन पर और आक्रमण करने पर निर्णायक प्रतिक्रिया के लिए अमेरिका की अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ तैयारी की पुष्टि भी की।

वाशिंगटन, एएनआइ। यूक्रेन-रूस संकट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बात की और रूस द्वारा आगे आक्रमण करने पर उसका साथ देने का भरोसा दिलाया। बाइडन ने इस दौरान रूस के यूक्रेन पर और आक्रमण करने पर 'निर्णायक प्रतिक्रिया' के लिए अमेरिका की अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ तैयारी की पुष्टि भी की।
बाइडन ने कहा-यूक्रेन की संप्रभुता ही अमेरिका की प्रतिबद्धता
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि बातचीत के दौरान, बाइडन ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। बाइडन ने उल्लेख किया कि अमेरिका ने पिछले वर्ष में यूक्रेन को विकास और मानवीय सहायता में आधा बिलियन डॉलर से अधिक प्रदान किया है और रूस के सैन्य निर्माण के परिणामस्वरूप दबाव के बीच यूक्रेन की अर्थव्यवस्था की मदद करने के लिए अतिरिक्त व्यापक आर्थिक सहायता भी देने का आश्वासन दिया।
यूरोपीय सुरक्षा पर भी हुई चर्चा
बाइडन ने इस दौरान स्पष्ट किया कि दूतावास कर्मियों के अमेरिकी परिवार के सदस्यों के जाने के बावजूद, कीव में अमेरिकी दूतावास खुला और पूरी तरह से चालू है। बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने यूरोपीय सुरक्षा पर समन्वित राजनयिक प्रयासों पर चर्चा की।
26 जनवरी की वार्ता से तनाव कम होने की कही बात
वार्ता के बीच राष्ट्रपति बाइडन ने नॉरमैंडी प्रारूप में संघर्ष समाधान के प्रयासों के लिए अमेरिका के समर्थन को भी बताया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जुलाई 2020 के युद्धविराम की शर्तों के लिए दोनो देशों की 26 जनवरी की वार्ता में दिखाई गई प्रतिबद्धता तनाव को कम करने और मिन्स्क समझौतों के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
यूक्रेन-रूस में इसलिए छाया है संकट
बता दें कि यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर रूस ने लाखों सैनिकों की तैनाती की थी। जिसके बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ता जा रहा है। रूस के संभावित हमले के खतरे को देखते हुए नाटो फोर्सेस ने भी सैन्य गतिविधि बढ़ा दी थी। इसके अलावा अमेरिका ने भी अपने 8500 सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है।
Edited By Mahen Khanna