बाइडन प्रशासन का अफगान शांति वार्ता पर बदला रुख, जल्दबाजी में नहीं होगी US सैनिकों की वापसी
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा मैंने अपने सहयोगियों को बताया है कि अमेरिका न तो हड़बड़ी में या अव्यवस्थित तरीके से अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी करेगा और न ही गठबंधन बलों की प्रतिष्ठा पर आंच आने देगा।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन अफगानिस्तान मसले पर भी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भिन्न विचार रखते हैं। ट्रंप अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की दिशा में तेजी से काम रहे थे, वहीं बाइडन प्रशासन ने इस पर इंतजार करने को कहा है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी नहीं होगी।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध प्रभावित इस देश में हिंसा की घटनाओं में कमी आनी चाहिए। अफगान शांति वार्ता में और प्रगति की जरूरत है। बता दें कि अमेरिका और तालिबान के बीच फरवरी, 2020 में एक समझौता हुआ था। इसके तहत अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता, स्थायी संघर्ष विराम और अफगानिस्तान से सभी विदेशी सैनिकों की वापसी होनी है। यहां अभी करीब ढाई हजार अमेरिकी सैनिक हैं। इसी समझौते के तहत अफगान सरकार और तालिबान के बीच सीधी वार्ता चल रही है। हालांकि अभी तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, 'मैंने अपने सहयोगियों को बताया है कि अमेरिका न तो हड़बड़ी में या अव्यवस्थित तरीके से अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी करेगा और न ही गठबंधन बलों की प्रतिष्ठा पर आंच आने देगा। फिलहाल सैनिकों की वापसी को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।' नाटो के रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक के बाद ऑस्टिन ने बताया कि बाइडन प्रशासन अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस देश को आंतकी संगठनों का पनाहगाह बनने से रोकना है और यह सुनिश्चित करना होगा कि लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष का स्थायी समाधान निकले। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं और अफगान नेतृत्व वाली वार्ता में प्रगति की जरूरत है।-