एस्पिरिन कम कर सकती है आंत कैंसर का खतरा
शोधकर्ता एस्पिरिन की सही खुराक को लेकर अब कर रहे हैं अध्ययन। उपचार के लिए नई थेरेपी विकसित करने में भी मिल सकती है मदद।
वाशिंगटन, प्रेट्र। डॉक्टर यूं तो एस्पिरिन दवा की सलाह बुखार होने की स्थिति में देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि यह कैंसर जैसी बीमारी के खतरे को कम करने में भी मददगार साबित हो सकती है। हालिया अध्ययन की मानें, तो यह आंत के कैंसर के ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है।
साथ ही, उसके दोबारा होने की संभावना को भी एक हद तक कम करता है। नए शोध की मदद से इस खतरनाक बीमारी के लिए उपचार के लिए नई थेरेपी विकसित करने में भी मदद मिल सकती है। अमेरिका के एक गैर-लाभकारी क्लिनिकल शोध केंद्र सिटी ऑफ होप के शोधकर्ताओं के अनुसार, एस्पिरिन में कैंसर, अल्जाइमर, पार्किसन और गठिया जैसी बीमारियों की रोकथाम की क्षमता है।
इस अध्ययन के सह-लेखक अजय गोयल ने बताया, 'फिलहाल इन बीमारियों की रोकथाम के लिए एस्पिरिन प्रयोग नहीं किया जाता है, क्योंकि किसी भी अधिक एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवा का अधिक इस्तेमाल करने से गैस और अन्य तरह की दिक्कतें आने लगती हैं।' उन्होंने कहा, 'हम बिना किसी भयावह साइड इफेक्ट के आंत के कैंसर की रोकथाम और उसके इलाज के लिए एस्पिरिन की उचित खुराक का पता लगाने के करीब हैं।'
वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के दौरान चूहों पर प्रयोग किया। साथ ही, गणितीय मॉडलिंग के जरिये यह पता लगाने की कोशिश की कि एस्पिरिन की कितनी खुराक उचित होगी। उन्होंने पाया कि एस्पिरिन की खुराक बढ़ाने पर कोशिकाओं की मृत्यु दर बढ़ जाती है, जबकि कोशिकाओं के बंटने की दर घट जाती है। शोधकर्ताओं ने इस आधार पर अनुमान लगाया कि एस्पिरिन के प्रभाव से ट्यूमर कोशिका के बढ़ने की जगह मरने की संभावना अधिक है।
गोयल ने बताया, 'हम आंकड़ों का अध्ययन करने के लिए इंसानों पर प्रयोग करने वाले कुछ लोगों के साथ काम कर रहे हैं। इस गणना के लिए हम गणितीय मॉडलिंग का प्रयोग कर रहे हैं। इस प्रक्रिया से भविष्य के लिए अच्छे नतीजे मिलने की उम्मीद है।' उन्होंने बताया कि वैश्विक रूप से सभी प्रकार के कैंसर में हर साल सबसे अधिक आंत के कैंसर का ही पता चलता है। इस लिहाज से भी यह अध्ययन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।