Move to Jagran APP

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से भी खोजा जा रहा कोरोना वायरस का इलाज

भारतवंशी समेत शोधकर्ताओं का एक दल एआइ के उपयोग से ऐसी मौजूदा सैकड़ों दवाओं की पहचान करने में जुटा है जिनकी मदद से कोरोना रोगियों का उपचार किया जा सकता है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 04:08 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 04:08 PM (IST)
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से भी खोजा जा रहा कोरोना वायरस का इलाज
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से भी खोजा जा रहा कोरोना वायरस का इलाज

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस (कोविड-19) की काट खोजने के प्रयास में इस समय दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इसी कवायद में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की मदद से भी इस खतरनाक वायरस के लिए इलाज खोजा जा रहा है। भारतवंशी समेत शोधकर्ताओं का एक दल एआइ के उपयोग से ऐसी मौजूदा सैकड़ों दवाओं की पहचान करने में जुटा है, जिनकी मदद से कोरोना रोगियों का उपचार किया जा सकता है।

loksabha election banner

उधर कुछ दिन पहले रूस ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा कर दिया है मगर अभी उसकी विश्वसनीयता को लेकर संदेह भी जताया जा रहा है। कुछ देश अभी इसे पुख्ता नहीं मान रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी रूस से इसका सबूत मांगा है। कई देशों ने तो कोरोना वैक्सीन की खोज करने वाले देशों को कुछ करोड़ डोज के लिए एडवांस में बुकिंग भी कर दी है।

अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आनंद शंकर रे ने कहा, 'कोरोना संक्रमण का उपचार या रोकथाम करने वाली दवाओं की पहचान किए जाने की तत्काल जरूरत है। हमने इसी तरह की दवाओं को खोजने के लिए एआइ के इस्तेमाल से एक सिस्टम विकसित किया है। इससे कई संभावित दवाओं की पहचान की जा सकती है।'

इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के इलाज में रेमडेसिवियर जैसी दवाओं से कुछ सफलता मिली है। इस वायरस से मुकाबले के लिए वैक्सीन मुहैया होने में अभी कई महीनों का वक्त लग सकता है। इसलिए नई दवाओं की तलाश बेहद जरूरी है। भारतीय मूल के शोधकर्ता आनंद ने बताया कि इस समय इस तरह की अतिरिक्त दवाओं या छोटे मॉलिक्यूल्स की बहुत ज्यादा मांग है, जो शरीर में कोरोना वायरस के प्रवेश को रोकने के साथ ही इसकी प्रतिकृति बनने से रोकने में प्रभावी हो सके।

हमारे सिस्टम की मदद से इस तरह की दवाओं की खोज हो सकती है। कोविड-19 मानव कोशिकाओं में दाखिल होकर अपनी प्रतिकृति बनाता है। यह वायरस इसी तरीके से दूसरी कोशिकाओं को संक्रमित करता जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.