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बदल सकता है टिकटॉक का स्वामित्व, कई नामी कंपनियां खरीदने की लाइन में

चीनी एप टिकटॉक को खरीदने के लिए नामी साफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के अलावा कुछ और कंपनियां बातचीत कर रही है। कई देश इस एप को अपने यहां बैन करने की तैयारी कर रहे हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 01:17 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 01:19 PM (IST)
बदल सकता है टिकटॉक का स्वामित्व, कई नामी कंपनियां खरीदने की लाइन में
बदल सकता है टिकटॉक का स्वामित्व, कई नामी कंपनियां खरीदने की लाइन में

नई दिल्ली, न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस। चीनी एप टिकटॉक को खरीदने के लिए नामी साफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के अलावा कुछ और कंपनियां बातचीत कर रही है। यदि बातचीत सफल होती है तो जल्द ही  टिकटॉक माइक्रोसॉफ्ट या किसी दूसरी कंपनी का हिस्सा बन जाएगा। उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप ने इस चीनी एप को अमेरिका में बैन करने का फैसला किया है। शुक्रवार को ही उन्होंने कहा था कि एक एग्जेक्यूटिव ऑर्डर के साथ अगले कुछ घंटों में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। कंपनी को लगभग 100 करोड़ डॉलर में खरीदने की बातचीत चल रही है। 

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ट्रंप ने कहा था कि हमारा प्रशासन भी टिक टॉक पर एक्शन लेने के लिए इसका मूल्यांकन कर रहा है। ये भी कहा गया था कि ये चीनी वीडियो एप अब राष्ट्रीय सुरक्षा और सेंसरशिप के मुद्दे का एक स्रोत बन गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना के बाद से ही चीन से काफी नाराज हैं। उसके बाद चीन ने साउथ चाइना शी पर अपना हक जताया, हांगकांग पर नया सुरक्षा कानून थोप दिया, उधर भारत के साथ गलवन घाटी में झड़प की और जमीन पर अवैध तरीके से कब्जे की कोशिश की जिसके बाद से पूरे देश की निगाहें चीन पर लगी हुई हैं। 

भारत ने 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाए उसके बाद तमाम देशों ने भी इस दिशा में कदम उठाया, अब अमेरिका भी इस पर बैन करने की तैयारी में है। इससे पहले कई बार मीडिया से रूबरू होते हुए भी डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर सीधा निशाना साधा और वायरस फैलाने के लिए उसी को जिम्मेदार ठहराया है।

चीन ने वायरस फैलाया मगर उसके बारे में किसी देश को पहले सूचना नहीं दी जिससे दुनिया के कोई देश इससे बचने की तैयारी नहीं कर पाया। कोरोना से बचाव के लिए अभी तक टीके का विकास नहीं हो पाया, सवा करोड़ से अधिक लोग इसके शिकार हो चुके हैं, लाखों लोगों की मौत हो चुकी हैं। संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। 

ट्रंप का बयान उन रिपोर्ट्स के बाद आया है जिसमें कहा गया था बाइट डांस टिक टॉक को बेच सकता है और कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से इस बारे में बात भी कर रही है। ट्रंप ने रिपोर्टर्स से बात करते हुए कहा था कि हम टिक टॉक को देख रहे हैं। हम इसे बैन भी कर सकते हैं। हम कुछ और भी कर सकते हैं। हमारे पास कई दूसरे विकल्प भी हैं। बहुत सारी चीजें हो रही हैं।

कई विदेशी मीडिया न्यूज एजेंसी की खबरों के मुताबिक, जल्द ही बाइटडांस खुद को टिक टॉक से अलग होने के बारे में घोषणा कर सकता है। अमेरिका की कई बड़ी टेक कंपनी और फाइनेंशियल फर्म की टिक टॉक के खरीदने की खबरें आई हैं। बाइटडांस ने 2017 में टिक टॉक लॉन्च किया था, बहुत कम समय में ही ये युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हो गया। दुनिया भर के तमाम देशों में टिकटॉक का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाइटडांस कंपनी पर कई बार यूजर्स का डाटा चीनी अधिकारियों के साथ शेयर करने का आरोप लग चुका है।

चीन के स्वामित्व से पीछा छुड़ाने के लिए कंपनी ने अमेरिकी सीईओ, पूर्व टॉप डिजनी एग्जीक्यूटिव को हायर किया था। कंपनी ने अपनी सफाई में कहा था कि वह चीनी सरकार को बिल्कुल भी अमेरिका के यूजर्स का डाटा नहीं देता और न ही ऐसा भविष्य में करेगा।


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