अल नीनो से कार्बन डाइऑक्साइड में हुई रिकॉर्ड बढ़ोतरी
दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और इंडोनेशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों ने साल 2011 के मुकाबले वातावरण में 2.5 गीगा टन अधिक कार्बन उत्सर्जन किया।
वाशिंगटन, प्रेट्र : वर्ष 2015-16 के दौरान लंबे समय तक चले अल नीनो के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस गैस का स्तर कम से कम 2000 सालों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचा। यह बात अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक अध्ययन में सामने आई है।
दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और इंडोनेशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों ने साल 2011 के मुकाबले वातावरण में 2.5 गीगा टन अधिक कार्बन उत्सर्जन किया। शोधकर्ता नासा के ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्जर्वेटरी-2 (ओसीओ-2) उपग्रह से मिले पहले 28 महीने के आंकड़ों के विश्लेषण से इस निर्णय पर पहुंचे हैं।
दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और इंडोनेशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अल नीनो से संबंधित ताप और सूखा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में रिकॉर्ड वृद्धि के लिए जिम्मेदार रहा।
अल नीनो समुद्र के उस गर्म जल को कहा जाता है, जिसका विकास प्रशांत महासागर में होता है। यह विश्वभर में तापमान और बारिश में बदलाव के लिए जिम्मेदार होता है। साल 2015-16 का अल नीनो काफी लंबा चला था।
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