कोरोना संकट के बीच अमेरिका में भारतीय प्रवासियों ने भारत भेजा चिकित्सकीय उपकरणों से भरा जहाज
अमेरिका ने वैश्विक महामारी कोविड-19 से भारत में मुकाबले के लिए अहम चिकित्सकीय उपकरणों समेत वेंटिलेटर पल्स आक्सीमीटर आदि भारत तक जहाज से भेजे गए हैं। अमेरिकी राज्य न्यूजर्सी न्यूयार्क और कनेक्टिकट में रहने वाले प्रवासी भारतीयों की ओर से न्यूजर्सी के केसबी से मुंबई और दिल्ली भेजे गए हैं।
न्यूयार्क, एजेंसियां। अमेरिका ने वैश्विक महामारी कोविड-19 से भारत में मुकाबले के लिए अहम चिकित्सकीय उपकरणों समेत वेंटिलेटर, पल्स आक्सीमीटर आदि भारत तक जहाज से भेजे गए हैं। अमेरिकी राज्य न्यूजर्सी, न्यूयार्क और कनेक्टिकट में रहने वाले प्रवासी भारतीयों की ओर से न्यूजर्सी के केसबी से मुंबई और दिल्ली भेजे गए हैं। जहाज के जरिये 300 वेंटिलेटर, तीन हजार वेंटिलेटर सर्किट, फिल्टर, फ्लो सेंसर, 100 पोर्टेबल वेंटिलेटर और 310,176 पल्स आक्सीमीटर भेजे गए हैं।
न्यूयार्क में भारत के डिप्टी कांसुल जनरल शत्रुघ्न सिन्हा ने तीनों अमेरिकी राज्यों के प्रवासी भारतीयों के संघ की सराहना करते हुए कहा कि वह लोग जहाज से चिकित्सकीय सामग्री भेजने की बेहद अच्छी व्यवस्था कर रहे हैं। इस बीच प्रेट्र के अनुसार वाशिंगटन में भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भारत को कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए मदद भेजने के प्रस्ताव पर बाइडन प्रशासन का स्वागत किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक भारतीय काकस के सदस्य कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिका ने नोविड एक्ट इसीलिए पारित किया है कि इस वैश्विक महामारी से निपटने में अमेरिका की भूमिका बढ़े और इस वैश्विक महामारी से निपटने में भी भविष्य में विश्व स्तर पर बेहतर निगरानी और इलाज किया जा सके।
हाल ही में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने भी प्रस्ताव पारित करते हुए भारत को तत्काल सहायता देने के लिए बाइडन प्रशासन से आग्रह किया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक भारत और भारतीय मूल के अमेरिकियों पर हाउस कॉकस के डेमोक्रेटिक सह-अध्यक्ष, सांसद ब्रैड शेरमेन ने सांसद स्टीव चाबोट के साथ मिलकर प्रतिनिधि सभा में यह प्रस्ताव पेश किया गया।
इस मौके पर सांसद ब्रैड शेरमेन ने कहा कि अमेरिका संकल्पबद्ध भारत के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे सामूहिक रूप से कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए काम करते हैं। वहीं सांसद स्टीव चाबोट ने कहा कि भारत और भारतीय अमेरिकियों पर हाउस कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में, मुझे खुशी है कि इस कठिन समय के दौरान भारत के लिए सदन के समर्थन को व्यक्त करते हुए इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को पारित करने के लिए मेरे सहयोगी एक साथ आए।