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उत्‍तर कोरिया के नए विदेश विदेश मंत्री पर बड़ी जिम्‍मेदारी, अमेरिका के साथ फ‍िर शुरू करेंगे वार्ता

विदेश मंत्री के बदलाव के साथ उत्‍तर कोरिया के नेता किम जोंग ने यह भी कहा है कि प्योंगयांग रणनीतिक हथियार विकसित करना जारी रखेगा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 09:48 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 11:04 AM (IST)
उत्‍तर कोरिया के नए विदेश विदेश मंत्री पर बड़ी जिम्‍मेदारी, अमेरिका के साथ फ‍िर शुरू करेंगे वार्ता
उत्‍तर कोरिया के नए विदेश विदेश मंत्री पर बड़ी जिम्‍मेदारी, अमेरिका के साथ फ‍िर शुरू करेंगे वार्ता

प्‍योंगयांग, एजेंसी । अमेरिका और उत्‍तर कोरिया के बीच ठप परमाणु वार्ता को लेकर प्‍योंगयांग ने यू टर्न लिया है। अमेरिका के साथ वार्ता को जारी रखने के लिए उत्‍तर कोरिया ने अपने विदेश मंत्री को हटाते हुए नए विदेश मंत्री की नियुक्ति किया है। हालांकि, इसकी अधिसूचना प‍िछले सप्‍ताह की गई थी। विदेश मंत्री के बदलाव के साथ उत्‍तर कोरिया के नेता किम जोंग ने यह भी कहा है कि प्योंगयांग रणनीतिक हथियार विकसित करना जारी रखेगा जब तक कि अमेरिका देश के प्रति अपनी शत्रुतापूर्ण नीति को समाप्त नहीं करता। 

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बता दें उत्‍तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने री योंग-हो की जगह री सोन-ग्वोन को नया विदेश मंत्री नियुक्ति किया है। इस सप्ताह उनकी आधिकारिक नियुक्ति की घोषणा की जा सकती है। योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार री एक पूर्व सैन्य अधिकारी हैं। उन्‍होंने देश के शांतिपूर्ण पुनर्मूल्यांकन के लिए समिति के अध्यक्ष के रूप में सेवारत रहे हैं। री दक्षिण कोरिया के साथ हाल ही में उच्च स्तरीय वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

एक सप्‍ताह पूर्व उत्तर कोरिया ने कहा था कि परमाणु वार्ता फिर से तभी शुरू होगी, जब अमेरिका उनकी मांगों को पूरी तरह से स्वीकार कर लेगा। उत्तर कोरिया ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पत्र मिला था जिसमें नेता किम जोंग उन को जन्मदिन की बधाई दी गई है। परमाणु वार्ता पर उन्होंने कहा कि वार्ता फिर से तभी शुरू हो सकेगी जब उत्तर कोरिया द्वारा उठाये गए मुद्दों पर वॉशिंगटन की पूर्ण सहमति होगी।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति और किम जोंग के बीच फरवरी में हुई हनोई बैठक के बाद से वार्ता को लेकर गतिरोध बना हुआ है। हालांकि, वाशिंगटन ने वार्ता के लिए प्योंगयांग को वापस लाने की खूब कोशिश की, लेकिन ऐसा करने में अमेरिका विफल रहा। इस बीच उत्तर कोरिया ने पिछले शिखर सम्मेलन के बाद से महीनों में कम दूरी की मिसाइलों के कई परीक्षण किए हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत इस तरह के परीक्षण को करने से देश को प्रतिबंधित किया गया है।


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