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मंगल ग्रह पर जीने की संभावना तलाशने अमेरिकी रोवर हुआ रवाना, नासा ने लांच किया मार्स मिशन

प्लूटोनियम चालित छह पहियों का यह रोवर मंगल ग्रह की जमीन ड्रिलिंग का काम करेगा और वह टुकड़े एकत्रित करेगा जिनके अध्ययन से पता चल सकेगा कि वहां पर कभी जीवधारी रहते थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 06:15 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 06:15 AM (IST)
मंगल ग्रह पर जीने की संभावना तलाशने अमेरिकी रोवर हुआ रवाना, नासा ने लांच किया मार्स मिशन
मंगल ग्रह पर जीने की संभावना तलाशने अमेरिकी रोवर हुआ रवाना, नासा ने लांच किया मार्स मिशन

केप केनेवरल, एपी। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को अभी तक का सबसे बड़ा और वजनी रोवर मंगल ग्रह के लिए रवाना कर दिया। कार के आकार का वाहन 25 कैमरों, दो माइक्रोफोन, ड्रिल मशीन और लेजर उपकरण के साथ लाल ग्रह के लिए भेजा गया है। यह सात महीने में 48 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर फरवरी 2021 में मंगल ग्रह पर पहुंचेगा। यह वहां पर जीवन की संभावना को देखते हुए आवश्यक प्रयोग करेगा और लौटते समय वहां की मार्टियन चट्टान का टुकड़ा भी धरती पर लाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी(नासा) का यह मिशन अमेरिकी समयानुसार सुबह 7:50 बजे लांच किया गया है।

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अमेरिका ने बड़ी तैयारियों के साथ अपना मार्स रोवर भेजा

उस चट्टान के अध्ययन से वैज्ञानिक पता लगाएंगे कि मंगल पर भी कभी जीव का वास था या नहीं। मनुष्य ने धरती को छोड़ मंगल पर भी बसने की जुगत भिड़ानी शुरू कर दी है। अमेरिका इस कोशिश में सबसे आगे है लेकिन भारत ने भी वहां तक अपनी पहुंच बना ली है।

हाल के दिनों में चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद अमेरिका तीसरा देश बना है जिसने मंगल ग्रह के लिए अपना उपग्रह रवाना किया है। तीनों ही उपग्रह फरवरी में मंगल पर पहुंचेंगे और अपने प्रयोग करेंगे। मतलब साफ है कि अमेरिका और चीन की प्रतिद्वंद्विता का अगला मुकाम मंगल बन सकता है। अमेरिका ने बड़ी तैयारियों के साथ अपना मार्स रोवर भेजा है।

सारे नमूने लेकर 2031 में धरती पर लौटेगा

प्लूटोनियम चालित छह पहियों का यह रोवर मंगल ग्रह की जमीन ड्रिलिंग का काम करेगा और वह टुकड़े एकत्रित करेगा, जिनके अध्ययन से पता चल सकेगा कि वहां पर कभी जीवधारी रहते थे और मानव जीवन क्या वहां पर संभव है। मार्स रोवर ऐसे बहुत सारे नमूने लेकर 2031 में धरती पर लौटेगा। अमेरिका अपने इस अभियान पर आठ अरब डॉलर (60 हजार करोड़ रुपये) खर्च कर रहा है।

नासा के साइंस मिशन के प्रमुख थॉमस जरबुचेन कहते हैं कि यह आकाश में छेद कर वहां पर मानवता को ले जाने का अभियान है। मंगल पर जीवन के सवाल पर उन्होंने कहा, यह 2030 के करीब अंतरिक्ष यात्रियों के वहां पर जाने के बाद स्पष्ट हो पाएगा। अमेरिका अकेला देश है जिसने मंगल के लिए नौवीं बार अभियान शुरू किया है। इससे पहले के उसके सभी आठ अभियान सफल और सुरक्षित रहे हैं। इस बार के अभियान में चीन ने भी रोवर और ऑर्बिटर मंगल के लिए रवाना किया है, जो वहां से कई तरह की जानकारियां एकत्रित करेंगे।


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