Move to Jagran APP

दलाई लामा को शरण देने के लिए अमेरिका ने भारत को कहा शुक्रिया

चीन द्वारा दमन शुरू करने के बाद 1959 में दलाई लामा भारत आ गए थे।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 02:59 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 03:07 PM (IST)
दलाई लामा को शरण देने के लिए अमेरिका ने भारत को कहा शुक्रिया
दलाई लामा को शरण देने के लिए अमेरिका ने भारत को कहा शुक्रिया

वाशिंगटन, प्रेट्र। बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का सोमवार को 85वां जन्मदिन था। इस मौके पर उन्हें दुनियाभर से बधाई संदेश मिले। अमेरिका ने भी दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई दी साथ ही 1959 से दलाई लामा को शरण देने के लिए भारत का शुक्रिया अदा भी किया। चीन द्वारा तिब्बत में दमन शुरू करने के बाद 1959 में दलाई लामा अपने समर्थकों के साथ भारत आ गए थे। उस समय भारत ने पौने दो लाख तिब्बतियों को शरण दी थी। दलाई लामा हिमाचल के धर्मशाला से अपनी निर्वासित सरकार चला रहे हैं।

loksabha election banner

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के विभाग ने अपने ट्वीट में लिखा, 'दुनिया में शांति का संदेश फैलाने वाले दलाई लामा को 85वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। वे तिब्बतियों के संघर्ष और विरासत का प्रतीक हैं। हम भारत का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने 1959 से ही दलाई लामा और तिब्बतियों को शरण दी। अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने भी दलाई लामा को बधाई दी।

पेलोसी ने कहा, 'दलाई लामा तिब्बती लोगों की भाषा और संस्कृति को संरक्षित रखने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं और वह प्रत्येक तिब्बती के लिए आशा की किरण हैं। अफसोस की बात है कि चीनी शासन के दमन के चलते तिब्बती लोगों की आकांक्षाएं पूरी नहीं हुई। अमेरिकी संसद ने हमेशा से बीजिंग द्वारा सताए गए लोगों के बचाव में एक सुर में बात की है और भविष्य में भी हम ऐसा करना जारी रखेंगे।' पेलोसी ने कहा कि सीनेट को एक कानून पारित कर अमेरिका, दलाई लामा और तिब्बती लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का समर्थन करना चाहिए।

बता दें कि तिब्‍बत के आध्‍यातिक नेता दलाई लामा ने अपने 85वें जन्‍मदिन पर ताइवान में वहां की नागरिकों से रूबरू हुए। रविवार को ताइवान में आयोजित 'आठ वर्सेज फॉर ट्रेनिंग द माइंड' के प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्‍होंने ताइवान की जनता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।

14वें दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को हुआ था। चीन के खिलाफ आवाज उठाने लगे। भारत ने दलाई लामा को तब शरण दी थी, जब वह मात्र 23 वर्ष के थे। दलाई लामा को मुख्य रूप से शिक्षक के तौर पर देखा जाता है क्योंकि लामा का मतलब गुरु होता है। दलाई लामा अपने लोगों को सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.