रूस को अमेरिका का जवाब- यूक्रेन मसले पर हम हर तरह से तैयार, रूस बोला- नजदीकी देशों से हटाई जाएं मिसाइलें
अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन मसले पर वह हर तरह से तैयार है। वहीं रूस ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अमेरिकी मिसाइलों को पूर्वी और मध्य यूरोप से हटाया जाना जरूरी बताया है। पढ़ें यह रिपोर्ट ...
वाशिंगटन, पीटीआइ। रूस के सुरक्षा प्रस्ताव पर अमेरिका और नाटो ने उसे द्विअर्थी संदेश दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि यूक्रेन मसले पर हम हर तरह से तैयार हैं। यूक्रेन को नाटो में शामिल किए जाने पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। केवल यूक्रेन की संप्रभुता का वास्ता दिया गया है। रायटर के अनुसार मास्को में तैनात अमेरिकी राजदूत के जरिये मिले जवाब पर रूस ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अमेरिकी मिसाइलों को पूर्वी और मध्य यूरोप से हटाया जाना जरूरी बताया है।
रूस ने कहा है कि वहां तैनात मिसाइलों से रूस पर बहुत कम समय में परमाणु हमला किया जा सकता है। रूस के सुरक्षा प्रस्ताव में नजदीक के यूरोपीय देशों से नाटो के हथियार हटाने की शर्त भी रखी थी। रूस ने यूक्रेन मसले पर अमेरिका से आगे बातचीत की संभावना भी जताई है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, हम और हमारे सहयोगी इस बात पर एकमत हैं कि यूक्रेन की संप्रभुता और उसकी क्षेत्रीय अखंडता बनी रहनी चाहिए। वहां की सरकार को अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबंध और सहयोग करने का अधिकार होना चाहिए।
ब्लिंकन ने कहा, हम सभी मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं। इस बीच यूक्रेन को लेकर बनी अभूतपूर्व तनाव की स्थिति को खत्म करने के लिए शांति की कोशिश भी जारी हैं। मामले में पहली बार अपनी प्रतिक्रिया सार्वजनिक करते हुए चीन ने संबद्ध पक्षों से संयम बरतते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से यह बयान बुधवार रात विदेश मंत्री वांग ई की अमेरिकी समकक्ष ब्लिंकन से टेलीफोन पर हुई वार्ता के बाद आया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी टकराव की स्थिति टालने की कोशिश में लगे हुए हैं। वह शुक्रवार को इस सिलसिले में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर वार्ता करेंगे। नाटो के महत्वपूर्ण सदस्य फ्रांस की यह कोशिश अमेरिका से अलग हटकर है। तनाव पैदा होने के बाद बुधवार को पहली बार पेरिस में रूस और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिक साथ बैठे। उनके साथ फ्रांस और जर्मनी के अधिकारी भी बैठे। चारों देशों के प्रतिनिधियों ने कई घंटे चली बातचीत को संतोषजनक बताया और दो हफ्ते में फिर से मुलाकात पर सहमति जताई।