अमेरिका ने कहा- भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक बन रहे हैं हिंसा और भेदभाव के शिकार
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही भारत आकर मोदी सरकार को धार्मिक भेदभाव पर क्लीन चिट दे गए हों लेकिन उन्हीं के प्रशासन ने अब खिलाफ रिपोर्ट दी है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही भारत आकर मोदी सरकार को धार्मिक भेदभाव पर क्लीन चिट दे गए हों लेकिन उन्हीं के प्रशासन ने अब खिलाफ रिपोर्ट दी है।
धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर अमेरिकी रिपोर्ट
धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक हिंसा और भेदभाव का निशाना बन रहे हैं।
भारत सरकार के प्रयास के बावजूद सरकारी मशीनरी में जिम्मेदारी का अभाव
वर्ष 2019 में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर आई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार के प्रयास के बावजूद सरकारी मशीनरी में जिम्मेदारी का अभाव है। यह स्थिति प्रशासन के सभी स्तरों पर है। जिसे दंड मिलना चाहिए, उसे दंड नहीं मिल रहा।
रिपोर्ट में भीड़ द्वारा की गई हत्या की घटनाओं, हिरासत में हत्याओं का उल्लेख
रिपोर्ट में भीड़ द्वारा की गई हत्या की घटनाओं, हिरासत में हत्याओं, हिरासत में उत्पीड़न और जेलों की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख है।
धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर अमेरिकी रिपोर्ट को पोंपियो ने किया सार्वजनिक
इस संसदीय रिपोर्ट को विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने सार्वजनिक किया है। भारत ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। पोंपियो ने चीन, ईरान, वेनेजुएला और क्यूबा में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता जताई है।
पोंपियो ने कहा- चीन में सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों पर तकनीक उपकरणों से नजर रख रही है
विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि चीन में सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों पर तकनीक उपकरणों से नजर रख रही है। उन्हें शिविरों में बंदियों की तरह रखा जा रहा है और उनकी धार्मिक परंपराओं में बाधा डाली जा रही है।
पोंपियो ने राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने और उनके उत्पीड़न का किया उल्लेख
विदेश मंत्री पोंपियो ने कहा- क्यूबा, वेनेजुएला, चीन और ईरानी नागरिक अपनी सरकारों के खिलाफ बोलें और अपने साथ हो रही ज्यादती के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं। रिपोर्ट में दुनिया के कई हिस्सों में राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने और उनके उत्पीड़न का भी उल्लेख किया गया है।