अमेरिका ने चीन पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- कोरोना की आड़ में भारत की जमीन हथियाना चाहता था ड्रैगन
अमेरिका ने बीजिंग को भारत के साथ तनाव कम करने की नसीहत भी दी है। साथ ही दक्षिण चीन सागर में दादागीरी दिखाने पर उसे आड़े हाथों लिया है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका ने साफ कहा है कि कोरोना वायरस की आड़ में चीन लद्दाख क्षेत्र में भारत की जमीन हथियाना चाहता था। गलवन घाटी में सीमा विस्तार की चीन की व्याकुलता पर चिंता जताते हुए अमेरिका ने बीजिंग को भारत के साथ तनाव कम करने की नसीहत भी दी है। साथ ही दक्षिण चीन सागर में दादागीरी दिखाने पर उसे आड़े हाथों लिया है।
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (NDAA) में संशोधन पारित करते हुए गलवन घाटी में भारत के साथ आक्रामकता और दक्षिण चीन सागर में दादागीरी दिखाने को लेकर चीन पर निशाना साधा है। भारतीय-अमेरिकी सांसद एमी बेरा के साथ कांग्रेस सदस्य स्टीव चाबोट ने सोमवार को यह संशोधन प्रस्ताव रखा था।
पांच मई से भारत और चीन सीमा पर बना हुआ है गतिरोध
एनडीएए संशोधन में कहा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC), दक्षिण चीन सागर, सेनकाकु द्वीप जैसे विवादित क्षेत्रों में चीन का सीमा विस्तार और आक्रामकता गहरी चिंता के विषय हैं। सीमा पर तनाव कम करने के लिए चीन और भारत को मिलकर काम करने को कहा गया है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच मई से ही गतिरोध बना हुआ है। 15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच गलवन घाटी में खूनी संघर्ष भी हो चुका है। हालांकि, अब दोनों देश इसका हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
संशोधन में कहा गया है कि ड्रैगन दक्षिण चीन सागर के 13 लाख वर्ग मील के पूरे इलाके को अपना संप्रभु क्षेत्र मानता है, जबकि ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान व वियतनाम भी इस पर दावा करते हैं। चीन यहां वियतनाम, फिलीपींस जैसे देशों को न मछली पकड़ने देता है, न खनिज की खोज करने।
एनडीएए संशोधन पारित होने के बाद चाबोट ने कहा, 'हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत, अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी है। मैं इस क्षेत्र में भारत समेत उन सभी देशों के साथ हूं, जो चीन की आक्रामकता को चुनौती दे रहे हैं।'