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America President Election: जीत के करीब पहुंचे जो बाइडन, जानें- उनसे जुड़ी कई अनसुनी बातें

अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा इसको लेकर अब ज्यादा संशय नहीं है लेकिन अभी भी कुछ साफ नहीं हुआ है। हालांकि बाइडन काफी आगे हैं। ऐसे में बाइडन से जुड़ी कई अहम बातों पर आपकी नजर जरूरी है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 04:17 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 04:34 PM (IST)
America President Election: जीत के करीब पहुंचे जो बाइडन, जानें- उनसे जुड़ी कई अनसुनी बातें
अमेरिकी चुनाव में जीत के करीब जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन जूनियर है।

वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हो चुके हैं और अब वोटों की गिनती चल रही है। वोटों की गिनती में फिलहाल डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन, रिपब्लिकन के उम्मीदवार और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आगे चल रहे हैं। बाइडन जीत के काफी करीब पहुंच गए हैं और उनके प्रतिद्वंद्वी ट्रंप के बीच मुकाबला सीधा होता दिख रहा है। यहां यह जानना भी जरूरी है कि इस बार चुनाव में बाइडन ने अमेरिका के इतिहास में अब तक सबसे अधिक वोट पाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले भी जो बाइडन अमेरिका की राजनीति में सक्रिय रहे हैं, लेकिन इस बार उनके लिए मौका बड़ा है। तो ऐसे में उनसे जुड़ी कई अहम बातें जानना बेहद जरूरी है। 

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कौन हैं जो बाइडेन?

जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर है। इनका जन्म साल 1942 में पेन्सिलवेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। बाइडन ने डेलावेयर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद सिरैक्यूजयूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। वह 1970 में न्यू कैसल काउंटी से पार्षद चुने गए। वे ओबामा के कार्यकाल, 2008 से लेकर 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति रहे। अगर वह इस बार राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो वह 78 साल की उम्र में अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। 

बचपन में हकलाते थे बाइडन, तो उड़ाया जाता था मजाक

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जो बाइडन बचपन में हकलाते थे, जिससे उनका लोग काफी मजाक उड़ाया करते थे। उन्हें 'डैश' नाम से पुकारा करते थे। राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान बाइडन ने एक बार कहा था कि वह हकलाने वाले बच्चों की काउंसिलिंग करते हैं।

जब कम उम्र के बच्चों को बिना पत्नी के संभालना पड़ा!

बात 1972 की है, बाइडन की पहली पत्नी नेलिया और उनकी एक साल की बेटी की मौत एक कार एक्सीडेंट में हो गई थी। इसके बाद बाइडन पर कम उम्र के दो बेटों की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई थी। वहीं, उनमें से एक बेटे ब्यू ने बाइडन की सियासी गतिविधियों में भी सक्रिय रहना शुरू कर दिया। हालांकि, 46 साल की उम्र में बेटे का 2015 में ब्रेन कैंसर से निधन हो गया। बताया जाता है कि इस झटके के कारण 2016 में बाइडन राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल नहीं हो सके थे। पुरानी यादों को भुलाकर बिडेन ने दूसरी शादी कर ली थी। अभी जो बाइडन की पत्नी जिल हैं। इनकी 1977 में शादी हुई थी। जिल चुनावों में बाइडन के साथ रहकर रणनीति तैयार कर रही हैं।

बाइडन की संपत्ति?

बाइडन एक करोड़पति शख्स हैं। वह काफी से मिडिल क्लास व्यक्ति कहलाते रहे थे। बराक ओबामा के कार्यकाल में उप राष्ट्रपति रह चुके बाइडन और उनकी पत्नी के नाम 2019 में वित्तीय दस्तावेजों के मुताबिक डेढ़ करोड़ डॉलर से ज्यादा की संपत्ति थी। सितंबर 2020 में बाइडन के 2019 के टैक्स रिटर्न के डिटेल्स सामने आए, जिनके मुताबिक बाइडन कपल ने 3,46,000 डॉलर की रकम टैक्सों व अन्य भुगतान में अदा की थी। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से दी गई है।

सांस चल रही थी, लेकिन हो गया था अंतिम संस्कार का बंदोबस्त

बताया जाता है कि साल 1988 में बाइडन की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनके अंतिम संस्कार के लिए पादरी तक को बुला लिया गया था। आपको बता दें कि बाइडन हफ्ते में पांच दिन वर्कआउट करते हैं। उनके डॉक्टर के मुताबिक, बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने को फिट हैं। हालांकि, वह पहले इंट्राक्रैनियल हैमरेज से जूझ चुके हैं। वहीं, बाइडन भी शराब या सिगरेट का भी सेवन नहीं करते हैं।

विवादों से नाता

एक बार 2007 में बाइडन ने कहा था कि उन्हें इराक में गोली लगी है, लेकिन बाद में उन्होंने बयान पलटकर कह दिया था कि जहां गोली चली, वह उसके पास थे। इसके अलावा बाइडन पर ब्रिटिश लेबर पार्टी के नील किन्नॉक के भाषण की साहित्यिक चोरी का आरोप लगा था। वहीं, 1993 में उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप एक महिला द्वारा लगाया गया था। इसको लेकर शिकायत दर्ज की गई थी।

भारत को लेकर रुख

बता दें कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा, इसको लेकर अब ज्यादा संशय नहीं है, लेकिन अभी भी कुछ साफ नहीं हुआ है। हालांकि, बाइडन काफी आगे हैं। तो ऐसे में उनके भारत को लेकर रुख पर भी नजर डालनी चाहिए। भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो भारत के सामने मौजूद खतरों से निपटने में उसके साथ खड़े रहेंगे।


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