चीनी चुनौतियों का सामना करेगा अमेरिका का ईगल कानून, भारत से बेहतर रिश्ते के लिए भी अहम
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की समिति ने ईगल कानून पारित किया है। अमेरिकी संबंध क्वाड देशों-भारत आस्ट्रेलिया व जापान से बेहतर होंगे। चीनी चुनौतियों के खिलाफ यह विधेयक रिपब्लिकनों की मदद के बगैर ही पारित कर लिया गया है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। क्वाड देशों के साथ संबंधों को मजबूती देने के इरादे से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की एक महत्वपूर्ण समिति ने चीन की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से एक कानून पारित किया है। प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति ने गुरुवार को यहां अपनी बैठक में 'एन्श्योरिंग अमेरिकन ग्लोबल लीडरशिप एंड एंगेजमेंट : ईगल' कानून पारित किया। कानून में अन्य चीजों के अलावा महत्वपूर्ण प्रविधान शामिल हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की चुनौतियों से मुकाबले में अमेरिका की कूटनीति और नेतृत्व को मजबूती देंगे। सांसद जोकिन कास्त्रो ने कहा, 'मैंने अक्सर कहा है कि चीन के प्रति अमेरिका की नीति यह होनी चाहिए कि जब आवश्यक हो तो प्रतिस्पर्धा में शामिल हों, देश में हमारे स्त्रोतों को मजबूत करें और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों, कानूनों और मानदंडों को मजबूत करके चीन को यह बताएं कि 'धोखे' का क्या मतलब है।
उन्होंने कहा, 'ईगल कानून हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे हितों की रक्षा के लिए अमेरिकी सरकार को साधन और दिशा देगा। विधेयक अमेरिका की उस नीति को स्थापित करता है जिसके अनुसार संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत राष्ट्रपति के कैबिनेट के सदस्य के रूप में कार्य करते हैं।'
विधेयक में अमेरिकी सरकार से हिंद-प्रशांत के इस महत्वपूर्ण हिस्से में सहयोगियों और भागीदारों के साथ अमेरिकी भागीदारी को मजबूत करने का आग्रह किया गया है और इसमें अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच लोगों के लोगों से संपर्क को मजबूत करने के प्रविधान शामिल हैं। यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति से 'नियम 50' को रद करने का आहान करता है जो ओलिंपिक में प्रतिस्पर्धा करते समय खिलाडि़यों द्वारा राजनीतिक अभिव्यक्ति पर रोक लगाता है।
यह कानून हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा मूल्यों और हितों के साथ प्रमुख भागीदार अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के नेताओं के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए क्वाड अंतर-संसदीय कार्य समूह की स्थापना का समर्थन करता है। इस बीच, रायटर के अनुसार चीनी चुनौतियों के खिलाफ यह विधेयक रिपब्लिकनों की मदद के बगैर ही पारित कर लिया गया है। रिपब्लिकन पार्टी ने इस विधेयक में कुछ पर्यावरण संबंधी प्रविधानों पर आपत्ति जताने के साथ ही कहा था कि यह चीन के प्रति बेहद नरम कानून है।
हांगकांग में हालात बिगड़ रहे : बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हांगकांग में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। चीन की सरकार उन प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं कर रही है, जिसका उसने वादा किया था। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन हांगकांग के लिए यात्रा संबंधी एडवाइडरी जारी करने वाला है। हांगकांग में जो हो रहा रहा है वह समझना आसान भी है और कठिन भी है।