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Year Ender 2021: चीन का बड़ा झटका, US एवं उसके सहयोगी देशों ने की बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों का किया बहिष्‍कार

एक नवंबर को अमेरिका ने चीन में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के बहिष्‍कार का ऐलान करके चीन का बड़ा झटका दिया था। अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने ऐलान किया कि साल 2022 में चीन के बीज‍िंग शहर में होने वाले शीतकालीन खेलों में अमेरिकी अधिकारी हिस्‍सा नहीं लेंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 12:32 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 01:09 PM (IST)
Year Ender 2021: चीन का बड़ा झटका, US एवं उसके सहयोगी देशों ने की बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों का किया बहिष्‍कार
अमेरिका एवं उसके सहयोगी देशों ने की बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा। फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली/वाशिंगटन, जेएनएन। एक नवंबर को अमेरिका ने चीन में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के बहिष्‍कार का ऐलान करके चीन को बड़ा झटका दिया था। अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने ऐलान किया कि साल 2022 में चीन के बीज‍िंग शहर में होने वाले शीतकालीन खेलों में अमेरिकी अधिकारी हिस्‍सा नहीं लेंगे। अमेरिका ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है, जब चीन ने प्रण किया है कि वह इस तरह के राजनयिक बहिष्‍कार के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा। इससे पहले पिछले महीने अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वह चीन के मानवाधिकार रेकार्ड के विरोध में खेलों के राजनयिक बहिष्‍कार पर विचार कर रहे हैं।

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चीन का आरोप खेलों में राजनीति कर रहा है अमेरिका

इसके पूर्व चीन ने राष्‍ट्रपति बाइडन की निंदा करते हुए कहा था कि वाशिंगटन अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले बाइडन और शी चिनफ‍िंग के बीच आनलाइन शिखर सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि उन्हें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और शांति से सह-अस्तित्व में रहना चाहिए। बता दें कि चीन अगले वर्ष फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए शानदार तैयारी कर रहा है।

शीतकालीन ओलंपिक खेलों की भव्यता पर पड़ेगा असर

अमेरिका और उसके मित्र देशों के राजनयिक बहिष्कार से शीतकालीन ओलंपिक खेलों की भव्यता प्रभावित हो सकती है, क्योंकि उनके मानवाधिकारों के मुद्दे पर उनका आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल वहां से अनुपस्थित रहेगा। अमेरिका के इस बहिष्‍कार के ऐलान से उसके खिलाड़‍ियों के खेलों में हिस्‍सा लेने पर रोक नहीं लगेगी। अमेरिका वर्ष 2028 में लास एंजिलिस में ओलंपिक का आयोजन करने जा रहा है। इस ऐलान के बाद अब सवाल उठने लगा है कि चीन कैसे अमेरिका को जवाब देगा। चीन का दावा है कि वह खेल के राजनीतिकरण का विरोध करता है, लेकिन वह खुद भी अमेरिकी खेल संघों को दंडित कर चुका है।

चीन पर मानवाधिकार हनन का लगा आरोप

अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों ने चीन पर शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ व्यापक मानवाधिकार उल्‍लंघन का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं वह हांगकांग और तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति के भी बड़े आलोचक हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पिछले दिनों कहा था कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शिनजियांग का मामला पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें किसी भी तरह से कोई विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

चीन ने कहा अमेरिका के आरोप निराधार

अमेरिका के इस कदम पर चीन ने कहा था कि अमेरिका ने तथाकथित बंधुआ मजदूर और नरसंहार के बारे में चीन पर झूठे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन द्वारा लगाए गए अन्य आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीतकालीन पैरालंपिक और ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इसका राजनीतिकरण ओलंपिक आंदोलन और सभी एथलीटों के हितों को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा। हमें विश्वास है कि संयुक्त प्रयासों से हम निश्चित रूप से विश्व के सामने सुव्यवस्थित, शानदार और सुरक्षित खेल पेश करेंगे और ओलंपिक खेलों को आगे बढ़ाएंगे।


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