अफगानिस्तान के हालातों पर गुटेरेस ने सभी पक्षों से नागरिकों की रक्षा करने का किया आग्रह, कहा- नियंत्रण से बाहर है स्थिति
गुटेरेस ने कहा कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। गुटेरेस ने कहा कि अफगानिस्तान नियंत्रण से बाहर हो रहा है क्योंकि कम से कम 2 लाख 41 हजार लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं और मानवीय जरूरतें समय के साथ बढ़ रही हैं।
न्यूयार्क, एएनआइ। अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने सभी पक्षों से अफगानिस्तान के नागरिकों पर संघर्ष के विनाशकारी प्रभाव पर ध्यान देने का आग्रह किया है। अफगानिस्तान की स्थिति पर गुटेरेस ने चेतावनी दी कि नागरिकों के खिलाफ हमलों को निर्देशित करना अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन है और एक युद्ध अपराध है।
उन्होंने कहा कि तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच लड़ाई से भारी नुकसान हो रहा है। कम से कम 2 लाख 41 हजार लोग अपने घरों से भागने के लिए मजबूर हो गए हैं और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है। तालिबान और सेना के बीच का संघर्ष महिलाओं और बच्चों पर एक बड़ा असर डाल रहा है।
उन्होंने कहा कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। गुटेरेस ने कहा कि अफगानिस्तान नियंत्रण से बाहर हो रहा है, क्योंकि कम से कम 2 लाख 41 हजार लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं और मानवीय जरूरतें समय के साथ बढ़ रही हैं।
अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए: गुटेरेस
उन्होंने कहा कि मैं सभी पक्षों से अफगानिस्तान के नागरिकों पर संघर्ष के विनाशकारी प्रभाव पर ध्यान देने का आह्वान करता हूं। नागरिकों की रक्षा के लिए सभी को आगे आना चाहिए। नागरिकों के खिलाफ हमलों को निर्देशित करना अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन है और युद्ध अपराध के बराबर है। अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
गुटेरेस ने कहा कि पिछले महीने नागरिकों के खिलाफ अंधाधुंध हमलों में एक हजार से अधिक लोग मारे गए या घायल हुए हैं। खासकर सबसे बुरे हालात हेलमंड, कंधार और हेरात प्रांत के हैं।
अफगान बलों और नागरिकों के खिलाफ तालिबान ने हमले किए तेज
बता दें कि अफगानिस्तान में हिंसा में वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि तालिबान ने अफगान बलों और नागरिकों के खिलाफ अपने आक्रमण को तेज कर दिया है। तालिबान द्वारा देश में बढ़ती हिंसा के कारण स्थिति बुरी तरह बिगड़ रही है, क्योंकि आतंकवादी समूह सरकार से कई क्षेत्रों पर कब्जा करने के बाद लोगों को लूट रहे हैं और नागरिकों को मार रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद से अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ने का एलान कर दिया था। अमेरिका सेना का बड़ी संख्या में अफगानिस्तान छोड़ने के तुरंत बाद से तालिबान ने अफगान बलों के खिलाफ अपना आक्रमण तेज कर दिया और अब वहां के हालात बहुत खराब हो गए हैं।