अफगानियों को जिंदा रहने के लिए तुरंत मदद की दरकार, यूएन का गंभीर मानवीय संकट की तरफ इशारा
यूएन महासचिव ने अफगानिस्तान के हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि वहां पर यदि तुरंत मदद नहीं दी गई तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे। वहां के लोगों को दो वक्त का खाना भी नहीं मिल रहा है।
न्यूयाकर् (एपी)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने अमेरकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद बने हालातों पर चिंता जाहिर की है। उन्होंंने ये भी कहा है कि वहां पर तालिबान के कब्जे की वजह से मानवीय तबाही तक हो सकती है। ऐसा उन्होंने तालिबान के पुराने शासन को देखते हुए कहा है। आपको बता दें कि तालिबान के आने के बाद से ही अफगानिस्तान के लोग काफी डरे हुए हैं। इस बात का गवाह काबुल एयरपोर्ट भी रहा है जहां पर हजारों की संख्या में लोग जमा थे।
फिलहाल काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान का कब्जा है और अब यहांं से विमानों की आवाजाही भी नहीं हो रही है। वहीं तालिबान ने एयरपोर्ट की तरफ जाने वाले रास्तों पर नाकाबंदी कर दी है। बिना इजाजत और पूछताछ के किसी को भी इन सड़कों पर आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। इसमें भी तालिबान के आतंकी केवल विदेशियों को भी दस्तावेज देखने के बाद छूट दे रहे हैा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेश ने अफगानिस्तान के हालात को देखते दुनिया के सभी देशों से ये अपील की है कि वो आपात कोष में दान करें, जिससे अफगानिस्तान के लोगों की मदद की जा सके। उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान के सामने गंभीर मानवीय और आर्थिक संकट। ऐसे में वहां की बुनियादी सुविधाओं पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
अपने एक संदेश में उन्होंने सभी देशों से वित्तीय मदद की अपील करते हुए कहा है कि अफगानियों को आज पहले से अधिक समर्थन और सहानुभूति की जरूरत है। लिहाजा जरूरत की ऐसे संकट के समय में अफगानिस्तान को उचित और व्यापक वित्तीय सहायता देने का भी आग्रह करता हूं। अफगानिस्तान की चरमराई अर्थव्यवस्था पर संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि तालिबान ने वहां पर कब्जा तो कर लिया है लेकिन वहां के आर्थिक हालात बेहद खराब है। संयुक्त राष्ट्र की अपील में से केवल 39 प्रतिशत को ही पूरा किया गया है।
यूएन महासचिव ने कहा है कि अफगानिस्तान की आधी आबादी को जिंंदा रहने के लिए तुरंत मदद की दरकार है। उन्होंंने कहा है कि तीन में से एक अफगान को ये भी नहीं पता है कि एक वक्त के भोजन के बाद आगे उसको कब खाना नसीब होगा। इस तरह से वहां के आधे से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हो सकते हैं। यहां के लोग बुनियादी जरूरतों और सेवाओं को भी खोते जा रहे हैं।