Move to Jagran APP

'नो ब्रिज-नो वोट' का नारा लगाते हुए ग्रामीणों ने ही चुनाव बहिष्कार की धमकी

- प्रचार के लिए सभी पार्टी के नेताओं को गांव में प्रवेश के लिए लगाई पाबंदी संवाद सूत्र रायग

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 06:57 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 06:57 PM (IST)
'नो ब्रिज-नो वोट' का नारा लगाते हुए ग्रामीणों ने ही चुनाव बहिष्कार की धमकी
'नो ब्रिज-नो वोट' का नारा लगाते हुए ग्रामीणों ने ही चुनाव बहिष्कार की धमकी

- प्रचार के लिए सभी पार्टी के नेताओं को गांव में प्रवेश के लिए लगाई पाबंदी

loksabha election banner

संवाद सूत्र, रायगंज : 'नो ब्रिज-नो वोट' का नारा लगाते हुए दर्जनों गावों के सैकड़ों लोगों ने वोट बायकॉट करने की धमकी दी है। रायगंज के शेरपुर अंचल स्थित कुलिक नदी पर पक्का पुल बनवाने को लेकर ग्रामीणों ने आदोलन शुरू किया। आदोलनकारियों ने प्रचार कार्य के लिए इलाके में किसी भी पार्टी के नेताओं को न घुसने देने का भी ऐलान कर दिया, इससे उम्मीदवारों लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। उल्लेखनीय है कि रायगंज प्रखंड का उक्त इलाका हेमताबाद विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। यहां कुलिक नदी पर पुल नहीं होने से इलाके के लोगों को महज 8 किलोमीटर की दूरी के लिए 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। देश आजाद होने के बाद से ही इस पुल की माग की जा रही है। 73 वर्ष समय गुजर जाने के बाद भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस बीच कई चुनाव आए और प्रत्येक बार सिर्फ आश्वासन मिलता रहा। जो भी उम्मीदवार जीत कर गए ,दोबारा सुध लेने नहीं आए। इस बार इलाके के दर्जनों गावों के लोगों ने दलगत भावना से ऊपर उठकर आपस मे एकजुटता दिखाते हुए वोट बायकॉट करने का निर्णय लिया। आदोलकारियों का कहना है कि कुलिक नदी पर पुल नहीं होने के कारण इलाके सैकड़ों गावों के एक लाख से अधिक लोग सदर शहर रायगंज से अलग थलग पड़े हुए हैं। जिला मुख्यालय, बीडीओ कार्यालय, मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालय जाने के लिए प्रतिदिन हजारों लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। लोग अपने खर्च पर बास का पुल बनाते जो हर साल बरसात के समय नदी में जल स्तर बढ़ने पर बह जाता। इसके चलते जिला सदर जाने में मुश्किलों का सबब बन जाता। विशेषकर मरीजों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। आजादी के बाद से ही पुल की माग की जा रही है लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, बाध्य होकर वोट बायकॉट का रास्ता अपनाने का निर्णय लेना पड़ा। अब पुल नहीं होने तक इलाके के लोग मतदान में भाग नहीं लेंगे। यहा तक कि किसी भी पार्टी के नेता - कार्यकर्ता को इलाके में घुसने नहीं दिया जाएगा। इस संदर्भ में तृणमूल के रायगंज प्रखंड अध्यक्ष व जिला परिषद का सदस्य पूर्णेन्दु दे ने कहा कि इस इलाके से वाम दल के विधायक जीतते रहे हैं। इसके पूर्व माकपा के देवेन्द्रनाथ राय विधायक थे जो बाद में भाजपा में शामिल हुए। रायगंज की सासद भी भाजपा के ही हैं जो केन्द्रीय मंत्री भी हैं, फिर भी इलाके के लोग उपस्थित रहे इसका जबाब तो उन्हीं की पार्टी को देना होगा। प्रशासनिक अधिकारी इलाके के लोगों के साथ बातचीत कर समस्या का समाधान करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.