सरकारी जलाशयों में मिट्टी भरकार बनाए जा रहें है मकान
-अवैध कार्य में पार्टी साथ नहीं देगी उप प्रधान -पुलिस ने अवैध निर्माण कार्य को रूकवाया -सर
-अवैध कार्य में पार्टी साथ नहीं देगी : उप प्रधान
-पुलिस ने अवैध निर्माण कार्य को रूकवाया
-सरकारी जलाशयों को लाखों में बेचकर बनाया जा रहा है मकान
संवाद सूत्र,मालदा: एक ओर निर्मल बंगाल की बात हो रही है। ग्रीन सिटी को लेकर प्रोजेक्ट बन रहे है। जल संरक्षण को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ पार्टी की मदद से सरकार जलाशयों को भरकर मकान बनाया जा रहा है। आरोप है कि इस अवैध कार्य के पीछे ब्लॉक तृणमूल काग्रेस के एक प्रभावशाली नेता का समर्थन बताया जा रहा है। क्षेत्र में भूमि सुधार अधिकारियों के माध्यम से एक के बाद अवैध रूप से निर्माण कार्य हो रहा है। यह घटना मालदा के हरिश्चंद्रपुर थाना क्षेत्र के रशीदाबाद ग्राम पंचायत के चंडीपुर गांव की है। अवैध रूप से मिट्टी भरने की घटना से क्षेत्र तृणमूल के दो गुटों के बीच झड़प हो गई। इस घटना से हरिश्चंद्रपुर थाना क्षेत्र में हड़कंप मच गयी है। इसकी सूचना हरिश्चंद्रपुर एक नंबर ब्लॉक बीडीओ व आईसी समेत कई प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार रशीदाबाद ग्राम पंचायत के चंडीपुर गांव से तुलसीहाट के राज्य सड़क के किनारे श्री चंद्रपुर इलाके में एक सरकारी जलाशय है। इसका कुछ हिस्सा इलाके के महादेव दास का है, जो पट्टे के रूप में है। महादेव दास के परिवार को इलाके में तृणमूल कार्यकर्ता के तौर पर जाना जाता है। महादेव दास की पट्टे की जमीन ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के नेता अनवर अली को बेच दी गयी। अनवर अली इस जलाशय में मिट्टी भरकर अवैध निर्माण का कार्य शुरू कर दिया। इसे लेकर स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। बाद में हरिशचंद्रपुर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच कर अवैध निर्माण कार्य को रोक दिया।
इसे लेकर भाजपा नेतृत्व ने घटना की निंदा की है। जिला भाजपा सचिव किशन केडिया ने कहा कि राज्य में केवल तृणमूल के कार्यकर्ता भ्रष्टाचार के कार्य में लिप्त रहते है। यह सूरत पूरे प्रदेश की है। इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है। एक के बाद एक सरकारी संपत्ति को लूटा जा रहा है। जनता सब कुछ देख रही है। जनता इसका पंचायत चुनाव में जवाब देगी।
रशीदाबाद ग्राम पंचायत की उप प्रधान ब्यूटी खातून के पति अब्दुल कादर ने कहा कि सरकारी जलाशय को कब्जा कर लाखों रुपये में बेचा जा रहा है। ग्रामीणों ने इसे लेकर जनहित याचिका दायर की थी। बेचने वाले और खरीदने वाले तृणमूल के नेता है। आरोपित भले ही तृणमूल का क्यों न हो, यदि वह अवैध कार्य करेगा तो पार्टी साथ नहीं देगी। वैसे पुलिस ने इस अवैध निर्माण को रोक दिया है।
कैप्शन : सरकारी जलाशय को भरकर निर्माणाधीन भवन