भारत-बांग्लादेश सीमा पर बेटी को करवाया पिता का अंतिम दर्शन
संवाद सूत्रमालदा भारत के सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने एक बार फिर अपनी मानवीय संवेदना व पड़ोसी
संवाद सूत्र,मालदा: भारत के सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने एक बार फिर अपनी मानवीय संवेदना व पड़ोसी मुल्क के प्रति अपने सौहार्दपूर्ण रवैया का प्रमाण दिया है। गुरुवार को बीएसएफ की मदद से भारत में रह रही बेटी को बांग्लादेश में निधन हुए पिता का अंतिम दर्शन करवाया। बेटी मालदा जिले के सीमावर्ती गाव मुस्लिमपुर में रहती है। गौरतलब है कि बुधवार को ग्राम प्रधान सज्जाद अली ने सेक्टर मुख्यालय मालदा के अंतर्गत सीमा चौकी किस्टोपुर, 44 वीं वाहिनी के कंपनी कमाडर को सूचित किया कि बाग्लादेश के गाव हुसैनभिटा में एक बंग्लादेशी नागरिक जिसका नाम मुजीबुर रहमान (80) का हुसैनभिटा मे देहात हो गया है और उनके बेटी-दामाद सीमा के इस पार भारतीय सीमावर्ती गाव मुस्लिमपुर में रहते है। यह गाव अंतरराष्ट्रीय सीमा से तकरीबन 200 मीटर की दूरी पर भारत में स्थित है।
कंपनी कमाडर ने उनकी बात सुनकर मानवीयता और भावनात्मक पहलू को ध्यान में रखते हुए बिना कोई देर किए तुरंत उच्च मुख्यालय के माध्यम से अपने समकक्ष बार्डर गार्ड बाग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों से संपर्क किया बीएसएफ के अनुरोध के बाद बीजीबी ने भी मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए कदम आगे बढ़ाये। लिहाजा दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने आपसी सहयोग के मद्देनजर मानवता को सर्वोपरि रखते हुए भारत में रहने वाली बेटी और दामाद को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जीरो प्वाइंट पर पिता के अंतिम दर्शन करवाने की व्यवस्था की। इस तरह रिश्तेदारों के अंतिम दर्शन संभव हुए। अंतिम दर्शन के उपरात मृतक की बेटी और दामाद ने सीमा सुरक्षा बल की इस पहल के लिए आभार जताया और कहा कि आप लोगों की मानवीयता के चलते हमें अपने पिता के अंतिम दर्शन नसीब हुए हैं।
इस प्रकरण पर 44 वीं वाहिनी के कमाडिंग ऑफिसर सुरेश कुमार ने बताया कि बीएसएफ के जवान सीमा पर दिन-रात बिना पलक झपकाए सीमा पर तैनात रहते हैं और किसी भी प्रकार की घुसपैठ को नाकाम करने में सक्षम हैं। इसके अलावा समय-समय पर सीमावर्ती लोगों के साथ सुख-दुख में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते है।
कैप्शन : अंतिम दर्शन करवाते बीएसएफ के जवान