गणतंत्र दिवस पर बंगाल की झांकी रद करने पर पीएम का पुतला फूंका
कैचवर्ड आक्रोश -मालदा के 81 नंबर राष्ट़ीय राजमार्ग पर सड़क जाम करके जताया विरोध -चांचल क
कैचवर्ड : आक्रोश
-मालदा के 81 नंबर राष्ट़ीय राजमार्ग पर सड़क जाम करके जताया विरोध
-चांचल कॉलेज से निकाली गयी विरोध रैली
-सत्ता में आते ही भाजपा बंगाल से सौतेला व्यवहार करती है
संवाद सूत्र,मालदा: गणतंत्र दिवस पर पश्चिम बंगाल की झांकी रद्द करने को लेकर बंगाल के विभिन्न शैक्षणिक व सामाजिक संस्था विरोध जता रही है। मंगलवार को मालदा के चांचल में तृणमूल छात्र परिषद ने राष्ट्रीय राजमार्ग 81 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन करके नारेबाजी की। घंटों सड़क जाम करके अपना आक्रोश प्रकट किया। आंदोलन का नेतृत्व तृणमूल छात्र परिषद के महासचिव बाबू सरकार ने किया। चांचल कॉलेज से विरोध रैली भी निकाली गयी।
तृणमूल छात्र परिषद के जिला महासचिव बाबू सरकार ने बताया कि स्वाधीनता संग्राम में बंगाल का अवदान कम नहीं था। सुभाष चंद्र बोस से लेकर खुदीराम की कुर्बानी को भुलाया नहीं जा सकता। रवींद्र नाथ टैगोर, विवेकानंद, अरविंद जैसे मनीषी हुए। इस बार केंद्र सरकार ने सुभाष चंद्र बोस पर आधारित झांकी को रद्द कर दिया। आखिर क्यों बंगाल के वीर पुरुष तथा देश के नायक के थीम पर बनी झांकी को हटायी गयी। इसका जवाब केंद्र सरकार को देना होगा।
तृणमूल के विधायक निहार रंजन घोष ने बताया कि जब-जब भाजपा सत्ता में आती है,तो बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। उसकी उपेक्षा की जाती है। वंचित रखा जाता है।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री का पुतला दहन पर भाजपा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हम इसे लेकर कानूनी कार्रवाई करेंगे। भाजपा के युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष सुमित सरकार ने बताया कि आंदोलन का यह तरीका सही नहीं है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने झांकी के रद होने की वजह बतायी है। इसे समझना चाहिए। एक ही थीम की दो झांकी नहीं निकाली जा सकती। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी भी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित है।
कैप्शन : पुतला दहन करते तृणमूल छात्र परिषद के छात्र नेता