जेयू में घेराव के बाद अब छात्रों का अनशन शुरू
-फैसला वापस नहीं लेने पर छात्रों ने आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी -प्रवेश परीक्षा के बदले अंकों के
-फैसला वापस नहीं लेने पर छात्रों ने आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
-प्रवेश परीक्षा के बदले अंकों के आधार पर दाखिले का कर रहे हैं विरोध
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जागरण संवाददाता, कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में प्रवेश परीक्षा के बदले अंकों के आधार पर कला विभाग में दाखिले के फैसले के खिलाफ बुधवार शाम से छात्र-छात्राओं द्वारा किया जा रहा घेराव व धरना शनिवार को अनशन में तब्दील हो गया। विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा फैसला वापस नहीं लेने के विरोध में छात्र संगठनों के आह्वान पर सैकड़ों छात्र-छात्राएं आमरण अनशन पर बैठ गए और उन्होंने रविवार दोपहर 12 बजे तक फैसला वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है। आंदोलनरत छात्रों की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि दाखिले की पुरानी व्यवस्था को हर हाल में बहाल करना होगा। इसके अलावा उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। मांगे पूरी नहीं होने पर उन्होंने आमरण अनशन जारी रखने और आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। इस दिन छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में विरोध रैली भी निकाली और कुलपति सुरंजन दास के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दूसरी तरफ दाखिला प्रक्रिया में बदलाव व छात्रों के आंदोलन सहित पूरी स्थिति पर विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से शनिवार शाम राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी गई। सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन को उम्मीद है कि अगले 24 घंटे में राज्यपाल की ओर से इस गतिरोध को खत्म करने पर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा।
इससे पहले गुरुवार देर रात करीब 12 बजे आंदोलनकारी छात्रों ने करीब 30 घंटे बाद विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य कार्यकारी परिषद के सदस्यों को घेराव मुक्त करते हुए उन्हें विश्वविद्यालय परिसर से बाहर जाने की इजाजत दी थी। इसके बाद शुक्रवार को कुलपति ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और छात्रों के विरोध को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा देने तक की इच्छा जाहिर की थी।
दूसरी तरफ छात्रों के इस आंदोलन को विश्वविद्यालय का शिक्षक संगठन जेयूटीए पहले ही अपना समर्थन देने का एलान कर चुका है। दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा खत्म किए जाने के खिलाफ अंग्रेजी व साहित्य विभाग के शिक्षकों ने गुरुवार को काम में भी हिस्सा नहीं लिया। इस कदम के विरोध में शिक्षकों ने अरबिंदो भवन के सामने धरने में भी हिस्सा लिया।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कला विभाग के छह विषयों- अंग्रेजी, बांग्ला, तुलनात्मक साहित्य, इतिहास, राजनीति विज्ञान और दर्शन शास्त्र में इंट्रेंस प्रणाली बंद कर अंकों के आधार पर दाखिले के फैसले के विरोध में छात्र आंदोलन कर रहे हैं।