कोरोना के भयावह रूप: बंगाल में 15 दिनों में ही कोरोना के दैनिक मामले 30-35 हजार तक चले जाने की आशंका
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामलों पर जताई चिंता अगले 15 दिनों में ही बंगाल में कोरोना के दैनिक मामले 30 से 35 हजार तक चले जाने की आशंका जताई है। सरकार यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाती है तो स्थिति भयावह रूप ले सकती है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं। सोमवार को लगातार दूसरे दिन राज्य में 6,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए। गौर करने वाली बात है कि महज 31,030 नमूनों की जांच में ही 6,078 नए मामले आए हैं। नए मामलों में तेज वृद्धि के साथ राज्य की संक्रमण दर भी बढ़कर रिकार्ड 19.59 प्रतिशत हो गई है जो पिछले सप्ताह गुरुवार को यह महज 5.47 प्रतिशत थी। इस बीच जिस तेज रफ्तार से पिछले करीब एक हफ्ते से मामले बढ़ रहे हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अगले 15 दिनों में ही बंगाल में कोरोना के दैनिक मामले 30 से 35 हजार तक चले जाने की आशंका जताई है।
उन्होंने आगाह किया है कि सरकार यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाती है तो स्थिति भयावह रूप ले सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर पहली दो लहर से भी कहीं ज्यादा घातक साबित हो सकती है।इधर, बढ़ते मामलों के मद्देनजर बंगाल सरकार ने सोमवार से राज्य में कुछ क्षेत्रों में प्रतिबंधों को लागू किया है। इसमें सभी स्कूल- कालेजों को बंद करने के साथ सरकारी व निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति घटाकर 50 फीसद तक करने समेत ब्रिटेन से आने वाली सभी विमानों पर रोक आदि शामिल हैं। इन सबके बीच कोलकाता के वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा कुणाल सरकार का कहना है कि हमें पहले ही कोविड के मामलों पर नियंत्रण के लिए ठोस उपाय करने चाहिए थे। हालांकि कहीं न कहीं लापरवाही के कारण वर्तमान स्थिति का हमें सामना करना पड़ रहा है।
बड़ी संख्या में चिकित्सकों के संक्रमित होने से भी विशेषज्ञ चिंतित
इधर, विभिन्न अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोरोना के फ्रंटलाइन योद्धा यानी डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने से भी विशेषज्ञ चिंतित हैं। बता दें कि पिछले 24 घंटे में ही कोलकाता के तीन अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में 100 से अधिक चिकित्सक संक्रमित पाए गए हैं। इनमें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कालेज अस्पताल के ही करीब 70 चिकित्सक शामिल हैं।
गौरतलब है कि बंगाल में क्रिसमस के बाद से ही कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। क्रिसमस के मौके पर कोलकाता समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी, जिसके बाद से अचानक संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई। इसके बाद विशेषज्ञों ने भी इस पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार को आगाह किया था। बता दें कि बंगाल में पिछले साल जून के बाद से कोरोना का संक्रमण कम होना शुरू हुआ था। वहीं, दुर्गा पूजा के बाद फिर कुछ दिनों तक संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई। हालांकि स्थिति पर बहुत हद तक नियंत्रण कर लिया गया।
क्रिसमस के बाद से ही लगातार बढ़ रहे हैं मामले
वहीं, 25 दिसंबर को क्रिसमस के बाद से जो नए मामलों का बढ़ना शुरू हुआ है वह दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं, कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रोन के मामले भी राज्य में बढ़ रहे हैं और अब तक इसके संक्रमितों की संख्या 20 से अधिक हो गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का 'ओमिक्रोन' वेरिएंट 'डेल्टा' की तुलना में पांच गुना अधिक तेजी से संक्रमण फैला सकता है। आने वाले कुछ दिन इस लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
टेस्टिंग की रफ्तार सुस्त
इधर, राज्य में लगातार बढ़ते मामलों के बीच टेस्टिंग की रफ्तार सुस्त होती जा रही है। 31 दिसंबर को जहां 40,813 सैंपलों की जांच हुई थी वह एक जनवरी को साईं 37,542, दो जनवरी को 38,633 जबकि तीन जनवरी, सोमवार को यह संख्या गिरकर एक 31,030 पर पहुंच गई।