ममता के हस्तक्षेप के बाद पश्चिम बंगाल के श्रमिक निकाले गए, बंगाल के पांच मजदूरों की मौत से यहां के लोगों में दहशत
कुलगाम में पांच श्रमिकों की हत्या के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कश्मीर में रोजी रोटी कमाने के लिए आए अपने राज्य के सभी श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने की कवायद शुरू
कोलकाता, जेएनएन। कुलगाम में पांच श्रमिकों की हत्या के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कश्मीर में रोजी रोटी कमाने के लिए आए अपने राज्य के सभी श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। पहले चरण में तथाकथित तौर पर करीब 131 श्रमिक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार देर रात पश्चिम बंगाल के लिए निकलें। अलबत्ता, कश्मीर प्रशासन ने इससे इनकार किया है।
कश्मीर के मंडलायुक्त बसीर अहमद खान का कहना है कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। हां, हमने श्रमिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए उनकी बस्तियों की सुरक्षा कड़ी कर दी है। गौरतलब है कि मंगलवार रात दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल के पांच श्रमिकों की हत्या कर दी थी।
सूत्रों के अनुसार, कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे पश्चिमी बंगाल के दिहाड़ीदार मजदूरों ने अपने परिजनों से संपर्क कर स्थानीय प्रशासन की मदद से उन्हें कश्मीर से सुरक्षित निकालने का आग्रह किया था। इन श्रमिकों ने कथित तौर पर अपनी बात पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचाई। उन्होंने उसी समय केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन को सूचित करते हुए अपने दो अधिकारियों को कश्मीर भेजा है।
सूत्रों की मानें तो कि पश्चिम बंगाल सरकार के आग्रह पर कश्मीर में संबंधित प्रशासन ने वादी के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे पश्चिम बंगाल के श्रमिकों को संबंधित जिला मुख्यालयों में जमा किया है। इसके बाद इन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सड़क के रास्ते जम्मू रवाना किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पहले चरण में 131 श्रमिकों को भेजा गया है। इनमें जिला बारामुला से भी कुछ श्रमिक हैं।
बंगाल के पांच मजदूरों की मौत से मालदा में दहशत
कश्मीर में बंगाल के पांच मजदूरों की मौत से मालदा में दहशत का माहौल है। कारण इस जिला के सैकड़ों मजदूर जम्मू काश्मीर में रहकर मजदूरी करते है। इस घटना से जिला के विभिन्न घरों में चिंता होने लगी है। जिला के कालियाचक, मोथाबाड़ी, रतुआ, हबीबपुर सहित आदि इलाके के युवक रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में काम करते है।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि 50 हजार रूपये रोजगार शुरू करने के लिए दिया जाएगा। इसके बावजूद पलायन बदस्तूर जारी है। रोजाना मालदा से श्रमिक दूसरे राज्यों में काम के लिए जाते है। दूसरे राज्यों में श्रमिकों के मौत की खबर आते ही, पूरा जिला दहल जाता है।
काश्मीर में काम करने वाले राइम शेख के परिजनों ने बताया कि इस जिले में कोई काम नहीं है। इस लिए बाहर जाना पड़ता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से राइम से मोबाइल पर संपर्क नहीं हो रहा है। इससे हम काफी चिंतित है।