फिर चलती ट्रेन में पथराव, महिला यात्री गंभीर रूप से जख्मी
-रात में विधाननगर स्टेशन से अप नैहट्टी लोकल के निकलते ही हुई घटना -बेलघरिया में उत
-रात में विधाननगर स्टेशन से अप नैहट्टी लोकल के निकलते ही हुई घटना
-बेलघरिया में उतर कर रेल पुलिस को घटना से अवगत कराया
-एक दिन पहले ही आइजी आरपीएफ ने की थी पत्थर नहीं फेंकने की अपील
जागरण संवाददाता, कोलकाता : एक बार फिर चलती ट्रेन में पत्थरबाजी की घटना सामने आई है। अप नैहट्टी लोकल के विधाननगर स्टेशन से रवाना होते ही बाहर से किसी शरारती तत्व ने पत्थर या पेड़ की डाल को ट्रेन पर फेंक दिया, जो गेट पर खड़ी महिला के मुंह पर आकर लगा। गंभीर रूप से जख्मी महिला ने बेलघरिया स्टेशन पर उतर कर रेल पुलिस को घटना से अवगत कराया।
सूत्रों के अनुसार बीते मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे निमता निवासी एक महिला अपने परिचित के साथ ऑफिस से घर जाने के लिए अप नैहट्टी लोकल में सवार हुई थी। भीड़ होने की वजह से वह गेट पर ही खड़ी थी। आरोप है कि विधाननगर स्टेशन से ट्रेन के रवाना होने के बाद बाहर से एक भारी वस्तु पत्थर या (पेड़ की डाल) उसके मुंह पर आकर लगी जिससे उसके नाक और मुंह से खून निकलने लगा। समय रहते महिला ने गेट को मजबूती से पकड़ लिया वरना अनियंत्रित होकर वह नीचे गिर सकती थी। ट्रेन के बेलघरिया स्टेशन पहुंचने पर जख्मी महिला ने उतर कर रेल पुलिस को घटना से अवगत कराया। उपचार के लिए महिला को कमरहंट्टी के सागर दत्त अस्पताल भिजवाया गया। इस घटना के बाद रेलवे की यात्री सुरक्षा पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि बीते 25 नवंबर को सियालदह स्टेशन में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आइजी आरपीएफ ने चलती ट्रेन में पत्थरबाजी की घटनाओं पर चिंता जताते हुए आबादी के बीच से गुजरने वाली ट्रेनों में पथराव नहीं करने की अपील युवाओं से की थी। आरपीएफ को भी ट्रैक किनारे बसी आबादी में पहुंचकर जागरूकता अभियान चलाने को कहा था। मगर इस कार्यक्रम के अगले दिन ही ट्रेन में बाहर से भारी वस्तु फेंकने की घटना सामने आ गई। गत माह भी बनगांव लोकल में हृदयपुर स्टेशन के पास ट्रेन में पत्थर फेंके गए थे जिसमें मिहिर घोष नामक यात्री को गंभीर चोट आई थी। गत 13 अक्टूबर को भी बनगांव शाखा में पथराव से लोकल ट्रेन में सवार करीब सात वर्षीय एक बच्ची जख्मी हो गई थी। रेलवे द्वारा शरारती तत्वों को सतर्क किए जाने एवं जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद बार बार ट्रेनों में पत्थरबाजी की होने वाली घटनाओं से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाजिमी है।