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कपिल मुनी मंदिर में पुत्र प्राप्ति की कामना से पहंची महिला ने गंगासागर में ही जन्मा संतान

गंगासागर स्थित मुड़ीगंगा के गर्भ में एक महिला ने कन्या संतान को जन्म दिया। बच्ची का नाम जाह्नवी रखा गया है। पुत्र प्राप्ति की मन्नत पूरी होने पर कपिल मुनी आश्रम पहुंची थी पूजा करने

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 09:33 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 09:33 AM (IST)
कपिल मुनी मंदिर में पुत्र प्राप्ति की कामना से पहंची महिला ने गंगासागर में ही जन्मा संतान
कपिल मुनी मंदिर में पुत्र प्राप्ति की कामना से पहंची महिला ने गंगासागर में ही जन्मा संतान

गंगासागर, जागरण संवाददाता। आस्था के केंद्र बिंदू कहे जाने वाले गंगासागर स्थित मुड़ीगंगा के गर्भ में एक महिला ने कन्या संतान को जन्म दिया। बच्ची का नाम 'जाह्नवी' रखा गया है। दोनों को नाम खाना ब्लॉक के नारायणपुर प्राथमिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां जच्चा-बच्चा स्वस्थ बताए जा रहे हैं।

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जानकारी के मुताबिक नामखाना निवासी जयश्री ने तीन साल पहले गंगासागर पहुंच कर कपिल मुनी मंदिर में मत्था टेकते हुए पुत्र संतान की कामना की थी। कुछ दिनों में ही वह गर्भवती हो गई और एक पुत्र को जन्म दिया। इसी खुशी में मन्नात पूरी करने वह आस्था के महा पर्व मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार को गंगा सागर पहुंची थी।

इस बार भी वह गर्भवती हालत में थी। पर वहां पहुंचते ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। आनन फानन में उसे मेला मैदान से एम्बुलेंस के जरिए सागर में मौजूद अस्थाई चिकित्सा केंद्र ले जाया गया। वहां प्राथमिक जांच के बाद तुरंत उसे रूद्रनगर ब्लॉक अस्पताल रेफर कर दिया गया।

जयश्री को अस्पताल में भर्ती कर चिकित्सकों ने जांच शुरू की, तो उसे बच्चे की दो उंगलियां दिखाई थी। यह देख डॉक्टर भी सकते में आ गए और तुरंत ऑपरेशन करने की सलाह दी। पर अस्पताल में सीजर करने की व्यवस्था नहीं होने और मुड़ीगंगा में शाम होने पर भाटा होने के कारण नौका सेवा बंद होने के डर से परिजन उसे नामखाना स्थित घर ले जाने बेहतर समझे। परिजन गंगा सागर के बेनुवन से नौका पर सवार होकर नामखाना जा रहे थे। पर नौका अभी बीच नदी में पहुंची ही था कि जयश्री ने कन्या संतान को जन्म दिया। उसे किसी तरह की परेशानी भी नहीं हुई। मां और बेटी दोनों स्वस्थ हैं। दोनों को खुशी-खुशी परिवार के सदस्य डायमंड हार्बर अंतर्गत नामखाना ब्लॉक के नारायणपुर प्राथमिक अस्पताल में भर्ती कराए हैं।

जयश्री ने बताया कि कपिल मुनी आश्रम में तीन साल पहले संतान के लिए मन्नत मांगी थी। भगवान ने मन्नत पूरी की और उसे पुत्र संतान भी हुआ। इस बीच दूसरी बात भी वह गर्भवती हो गई। पर दूसरे बच्चे के होने के पहले ही वह मन्नत पूरी करना चाहती थी। इसी लिए कपिल मुनी आश्रम गई थी। वहां से लौटने के दौरान अस्वस्थ हो गई। पर खुशी है कि कपिल मुनी की दया से फिर संतान की प्राप्ति हुई है।

वहीं, डायमंड हार्बर जिला के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी देवाशीष राय ने बताया कि वे लोग रूद्रनारायण अस्पताल में चिकित्सा करना चाहते थे। जयश्री की हालत देख सीजर करने की भी सलाह दी गई थी, लेकिन परिजन जबरन प्रसूता को अपने साथ ले गए थे। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। 


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